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सरकारी बंगले में तय समय से अधिक रहने पर 19 लाख रुपये जुर्माने का नोटिस, जानिये पूरा मामला

सरकार ने इंडियन वुमंस प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) से पूर्व में उसे आवंटित बंगले में ‘‘अनधिकृत रूप से काबिज होने से हुए नुकसान’’ की भरपाई के तौर पर करीब 19 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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सरकारी बंगले में तय समय से अधिक रहने पर 19 लाख रुपये जुर्माने का नोटिस, जानिये पूरा मामला

नयी दिल्ली: सरकार ने सोमवार को इंडियन वुमंस प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) से पूर्व में उसे आवंटित बंगले में ‘‘अनधिकृत रूप से काबिज होने से हुए नुकसान’’ की भरपाई के तौर पर करीब 19 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा है। इसके साथ ही बंगले को यथाशीघ्र खाली करने को कहा गया है और ऐसा न करने पर बंगला खाली कराने की प्रक्रिया शुरू करने की चेतावनी दी है।

संपदा निदेशालय द्वारा आईडब्ल्यूपीसी अध्यक्ष को जारी पत्र में कहा गया है कि लुटियन दिल्ली के विंडसर प्लेस स्थित बंगले को महिला पत्रकारों के निकाय से जुलाई 2022 में खाली करने को कहा गया था लेकिन इसके बावजूद अब तक बंगले को खाली नहीं किया गया है।

निदेशालय उपनिदेशक पिनाकी बनर्जी द्वारा आईडब्ल्यूपीसी अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में कहा गया, ‘‘मुझे निर्देशित किया गया है कि उपरोक्त विषय पर निदेशालय द्वारा चार मई 2022 को भेजे गए पत्र का संदर्भ दूं जिसमें उचित विकल्प चुनने और मौजूदा आवास को 31 जुलाई 2022 से पहले खाली करने को कहा गया था। उक्त आवास को अब तक खाली नहीं किया गया है।’’

पत्र में यह भी कहा गया कि एक अगस्त 2022 से 10 अप्रैल 2023 तक ‘अनधिकृत तरीके से रहने की वजह से हुए नुकसान’ के लिए कुल 18,88,333 रुपये का भुगतान बनता है।

पत्र में कहा गया, ‘‘यह अनुरोध किया जाता है कि नुकसान की भरपाई की जाए और आवास को यथाशीघ्र खाली किया जाए, अन्यथा सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत निवासियों से खाली कराने) अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई की जाएगी।’’

इस बीच, आईडब्ल्यूपीसी पदाधिकारी ने दावा किया कि उन्हें केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के अधीन आने वाले संपदा निदेशालय से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सरकार ने अगस्त 2021 में नोटिस जारी कर कहा था कि आईडब्ल्यूपीसी को 13 मई 1994 में बंगला आवंटित किया गया था जिसे छह जनवरी 2021 को तय अवधि पूरी होने के बाद तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया था।

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