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Mumbai: PFI पर NIA का बड़ा एक्शन, छापेमारी करने पहुंची टीम, व्यक्ति ने 6 घंटे तक करवाया इंतजार

प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से संबंधित एक मामले में छापेमारी कर रही एनआईए की टीम को बुधवार को उपनगरीय विक्रोली में एक व्यक्ति के आवास के बाहर छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि उसने घर का दरवाजा नहीं खोला। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Mumbai: PFI पर NIA का बड़ा एक्शन, छापेमारी करने पहुंची टीम, व्यक्ति ने 6 घंटे तक करवाया इंतजार

मुंबई: प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से संबंधित एक मामले में छापेमारी कर रही एनआईए की टीम को बुधवार को उपनगरीय विक्रोली में एक व्यक्ति के आवास के बाहर छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि उसने घर का दरवाजा नहीं खोला। 

यह व्यक्ति 7/11 के मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में भी आरोपी रहा था। हालांकि, अदालत ने उसे बरी कर दिया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की यह कार्रवाई पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे के दौरान व्यवधान पैदा करने के मामले में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ छह राज्यों में कई स्थानों पर की गई छापेमारी का हिस्सा थी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘एनआईए की एक टीम मुंबई पुलिस के साथ सुबह करीब पांच बजे विक्रोली के पार्कसाइट में एक चॉल में स्थित अब्दुल वाहिद शेख के आवास पर पहुंची, जो पहले 7/11 के मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में आरोपी था। लेकिन, शेख ने छह घंटे से अधिक समय तक दरवाजा नहीं खोला और अधिकारी बाहर इंतजार करते रहे।’’

उन्होंने कहा कि घर के अंदर से शेख ने एनआईए से तलाशी वारंट की मांग की।

अधिकारी ने कहा कि शेख ने उसके वकील और कुछ स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के मौके पर पहुंचने के बाद सुबह करीब 11:15 बजे दरवाजा खोला।

अधिकारी ने कहा, ‘‘तब एनआईए की टीम उसके आवास में दाखिल हुई और पीएफआई से संबंधित मामले में पूछताछ शुरू की।’’

उन्होंने बताया कि शेख के आवास के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे।

शेख ने पहले वॉट्सऐप पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया था, जिसमें कहा गया कि पुलिस और कुछ लोग सुबह पांच बजे से उसके घर के बाहर एकत्र हैं।

शेख ने दावा किया, ‘‘वे मेरे घर में घुसना चाहते हैं, उन्होंने एक दरवाजा भी तोड़ दिया और मेरे घर का सीसीटीवी कैमरा भी क्षतिग्रस्त कर दिया। वे मुझे मामले या किसी प्राथमिकी से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं दिखा रहे हैं।’’

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