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छठी मंजिल से कूदकर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर ने की आत्महत्या

कानपुर में एक महिला डाक्टर ने अपार्टमेंट की छठवी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा करके पोस्टमार्टम भेज के लिए दिया है और जांच कर रही है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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छठी मंजिल से कूदकर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर ने की आत्महत्या

कानपुर: मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में तैनात महिला डाक्टर की छह मंजिला अपार्टमेंट से संदिग्ध परिस्थितियों में गिर कर मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे अपार्टमेंट में हडकंप मच गया। मृतका के परिजनों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने पूरे अपार्टमेंट का निरीक्षण करते हुए और परिजनों से पूंछताछ करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बता दें कि महिला के पति के आर्मी से रिटायर्ड हैं और एक प्राइवेट नर्सिंग होम का संचालन करते हैं।

कल्यानपुर थाना क्षेत्र मकड़ी खेडा स्थित कान्हा श्याम अपार्टमेंट में छठी मंजिल पर रहने वाली डॉ अशर्फी त्रिपाठी मेडिकल कालेज में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर के पद पर तैनात थीं।

पति का क्या कहना है

मृतका के पति उपेन्द्र त्रिपाठी के मुताबिक शुक्रवार देर रात हम सभी ने खाना खाया और काफी देर तक टीवी देखते रहे। इसके सभी लोग सो गये तभी सुबह तड़के पता नहीं कैसे क्या हुआ वह नीचे जा गिरी। सिक्युरिटी गार्डों ने घटना की जानकारी दी।

पति की बड़ी बहन ने बताया कि एक साल पहले भाभी के पेट का ऑपरेशन हुआ था। वह जन्म से ही एक पैर से विकलांग थी और आर्टिफिशल जूते के सहारे ही चलती थी। आपरेशन के बाद से उनकी तबीयत और खराब रहने लगी जिससे वह डिप्रेशन में चली गई। इसी डिप्रेशन के चलते वह तीन दिन पहले सरकारी आवास खाली कर अपार्ट मेंट में रहने के लिए आई थी। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह उनके पास भाई उपेंद्र का फोन आया कि डा. अशर्फी ने छठी मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया है। मौके पर पहुंची पुलिस और फारेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

सुसाइड नोट में मृतका ने क्या लिखा..

मृतका डॉ. त्रिपाठी ने सुसाइड नोट में किसी को भी सुसाइड के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराते हुए लिखा है कि वह स्वेच्छा से अपनी जान दे रही है। इसमें कोई दोषी नहीं है। पत्र में पति उपेंद्र को संबोधित करते हुए लिखा है कि तुम खुश रहना, बेटे सूर्यांश को भी खुश रखना। अपना हॉस्पिटल अच्छे से चलाना और खुशी-खुशी बहुत सारे पैसे जमा करना।

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