Site icon Hindi Dynamite News

Manipur Violence: हिंसाग्रस्त मणिपुर के लोगों से भारतीय सेना ने की ये खास अपील, जानिये पूरा अपडेट

सेना ने लोगों से मणिपुर में शांति बहाल करने में उनकी मदद करने का आग्रह करते हुए कहा कि हिंसा प्रभावित इस पूर्वोत्तर राज्य में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Manipur Violence: हिंसाग्रस्त मणिपुर के लोगों से भारतीय सेना ने की ये खास अपील, जानिये पूरा अपडेट

इंफाल: सेना ने लोगों से मणिपुर में शांति बहाल करने में उनकी मदद करने का आग्रह करते हुए कहा कि हिंसा प्रभावित इस पूर्वोत्तर राज्य में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सेना के ‘स्पीयर्स कोर’ ने सोमवार देर रात ट्विटर पर ऐसी कुछ घटनाओं का एक वीडियो साझा किया और कहा कि इस तरह का ‘‘अनुचित हस्तक्षेप’’ सुरक्षा बलों को समय पर जरूरी कार्रवाई करने से रोकता है।

यह बयान इंफाल ईस्ट जिले के इथम गांव में सेना और महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ के बीच गतिरोध के दो दिन बाद आया है, जिसके कारण सुरक्षा बलों को वहां छिपे 12 उग्रवादियों को जाने देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

‘स्पीयर्स कोर’ ने ट्वीट किया, ‘‘ मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं। इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप गंभीर परिस्थितियों के दौरान जान-माल का नुकसान रोकने के लिए सुरक्षा बलों को समय पर जरूरी कार्रवाई करने से रोकता है।’’

उसने कहा, ‘‘ भारतीय सेना सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है। मणिपुर की मदद करने में हमारी सहायता करें।’’

अधिकारियों ने बताया था कि इंफाल ईस्ट के इथम गांव में महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार को गतिरोध के बाद सेना ने नागरिकों की जान जोखिम में न डालने का ‘‘परिपक्व फैसला’’ किया और बरामद किए गए हथियारों व गोला-बारूद के साथ वहां से हट गए। इससे ही यह गतिरोध खत्म हो पाया।

सुरक्षा बलों ने इथम गांव को शनिवार को घेर लिया था, जहां प्रतिबंधित मेइती उग्रवादी समूह कांगलेई योल कान-ना लुप (केवाईकेएल) के 12 सदस्य छिपे हुए थे। इस कार्रवाई के बाद भीड़ और सैनिकों के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ था।

केवाईकेएल एक मेइती उग्रवादी समूह है, जो 2015 में छह डोगरा इकाई पर घात लगाकर किए गए हमले सहित कई हमलों में शामिल रहा है।

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

Exit mobile version