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Manipur Violence: मणिपुर हाई कोर्ट ने मोबाइल इंटरनेट सेवा संबंधी याचिकाओं पर की सुनवाई, राज्य के लोगों से कही ये बात

मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से लोगों को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के तौर-तरीके ढूंढने को कहा है। अदालत राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग से जुड़ी याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Manipur Violence: मणिपुर हाई कोर्ट ने मोबाइल इंटरनेट सेवा संबंधी याचिकाओं पर की सुनवाई, राज्य के लोगों से कही ये बात

इंफाल: मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से लोगों को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के तौर-तरीके ढूंढने को कहा है।

अदालत राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग से जुड़ी याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही है। राज्य में तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।

न्यायमूर्ति ए. बिमल सिंह और न्यायमूर्ति ए. गुणेश्वर शर्मा की पीठ ने शुक्रवार को निर्देश दिया, ‘‘राज्य प्रशासन, खासकर गृह विभाग को चरणबद्ध तरीके से और मामला-दर-मामला के आधार पर मोबाइल नंबर को एक विशेष सूची में शामिल करते हुए मोबाइल फोन के जरिये इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के तौर-तरीके तैयार करने पर विचार करना चाहिए।’’

पीठ ने कहा,‘‘राज्य प्रशासन को इस पहलू पर विचार करने और अगले दिन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाता है।’’

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि मणिपुर सरकार ने ब्रॉडबैंड सेवाओं के मार्फत इंटरनेट सेवा पर से नरमी बरतते हुए पाबंदी हटाने के लिए जरूरी आदेश जारी किये थे।

वकील ने कहा कि यह कुछ नियम व शर्तों को पूरा करने पर निर्भर करता है और फिलहाल कई नागरिक इस तरह की इंटरनेट सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि चूंकि मोबाइल नंबर की उक्त सूची से कोई डेटा लीक नहीं हुआ है, ऐसे में उच्च न्यायालय राज्य सरकार को क्रमिक ढंग से सभी मोबाइल नंबर को इस सूची में डालने का उपयुक्त निर्देश दे सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कुछ मोबाइल नंबर इस सूची में डालने के बाद मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी हटाकर कुछ परीक्षण भी किये हैं।

मणिपुर में तीन मई के हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर अनिश्चितकालीन पाबंदी लगी हुई है।

उच्च न्यायालय 31 अगस्त को इस विषय पर अगली सुनवाई करेगा।

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