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महराजगंज: क्या शहर कोतवाल के रहते हो पायेगा निष्पक्ष चुनाव, अराजकतत्वों ने डा. अम्बेडकर की तोड़ी मूर्ति, दलितों का हंगामा

ज़िले के सभी बड़े अफ़सरों को पता है लगातार दो साल से शहर कोतवाल की कुर्सी पर जोड़-तोड़ से क़ब्ज़ा जमाये रामदवन मौर्य पूरी तरह से जनता की नज़र से उतर चुके हैं। इन पर कई नेताओं ने खुलेआम आरोप लगा रखा है कि एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर ये लोकसभा चुनाव में भाजपा को लाभ पहुँचाना चाहते हैं। इसी बीच बड़ी ख़बर ये है कि बीती रात दलितों के स्वाभिमान के प्रतीक डाक्टर अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ दिया गया है, इसे लेकर जनता में भारी आक्रोश है। बड़ा सवाल ये है की क्या कोतवाल की इस संदिग्ध कार्यप्रणाली के चलते ज़िले में शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न हो पायेंगे। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: क्या शहर कोतवाल के रहते हो पायेगा निष्पक्ष चुनाव, अराजकतत्वों ने डा. अम्बेडकर की तोड़ी मूर्ति, दलितों का हंगामा

महराजगंज: देश में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर मूर्तियों को तोड़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब महराजगंज में लोगों ने देश के महान विचारक अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ दिया है। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही आजमगढ़ में भी अंबेडकर की मूर्ति को कुछ शरारती लोगों ने तोड़ दिया था। अंबेडकर की आज ही देश भर में जयंती मनाई जा रही है। ऐसे में इस तरह की घटना शर्मनाक है। घटना में कोतवाल की भूमिका संदिग्‍ध बताई जा रही है।

डाइनामाइट न्‍यूज द्वारा खबर चलाए जाने पर उत्‍तर प्रदेश पुलिस के ट्ववीटर हैंडल से तत्‍काल कार्यवाही का आदेश दिया गया है।

डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर की टूटी मूर्ति

 

चुनावी माहौल में इस तरह की घटनाएं पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्‍यवस्‍था पर सवाल उठाती हैं। मूर्ति तोड़े जाने की जानकारी बसपा सुप्रीमो मायावती को दी गई है। दलित समाज में मूर्ति तोड़े जाने को लेकर भरी आक्रोश है। 

 

बीती रात महराजगंज में जब पूरा शहर चैन की नींद सो रहा था उस समय कुछ अराजकतत्‍वों ने अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी। सुबह होने पर लोगों को इस घटना की जानकारी हुई। जानकारी होने पर लोगों ने मौके पर पहुंचकर जबरदस्‍त हंगामा किया। मूर्ति तोड़े जाने को लेकर दलितों और पिछड़ों में भारी आक्रोश है।

 

अंबेडकर की टूटी मूर्ति के पास खड़े आक्रोशित लोग

मौके पर पहुंचे लोगों ने कहा इसमें क्षेत्र कोतवाल की संदिग्‍ध भूमिका है। खबर है कि लगातार दो साल से शहर कोतवाल की कुर्सी पर जोड़-तोड़ से क़ब्ज़ा जमाये रामदवन मौर्य पूरी तरह से जनता की नज़र से उतर चुके हैं। इन पर कई नेताओं ने खुलेआम आरोप लगा रखा है कि एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर ये लोकसभा चुनाव में भाजपा को लाभ पहुँचाना चाहते हैं। ज़िले के सभी बड़े अफ़सरों को भी यह जानकारी है।

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