Site icon Hindi Dynamite News

महराजगंज: शहीद पूरन बहादुर थापा और प्रदीप थापा को कारगिल विजय दिवस पर दी गई श्रद्धांजलि, भारत माता के जयकारों से गूंजा नगर

महराजगंज की माटी के शान शहीद पूरन बहादुर थापा और प्रदीप थापा को कारगिल विजय दिवस के मौके श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर समूचा नगर भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
महराजगंज: शहीद पूरन बहादुर थापा और प्रदीप थापा को कारगिल विजय दिवस पर दी गई श्रद्धांजलि, भारत माता के जयकारों से गूंजा नगर

महराजगंज: कारगिल विजय दिवस के मौके पर आज पूरे देश में कारगिल युद्ध के नायकों को याद किया जा रहा। महराजगंज जनपद के नौतनवा कस्बे के दो वीर सपूतों शहीद पूरन बहादुर थापा और शहीद प्रदीप थापा भी थे, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में अपनी शहादत दी थी। इन वीर सपूतों को याद कर आज उन्हें पूर्व सैनिकों और स्थानीय नागरिकों द्वारा श्रद्धांजलि दी जा रही है। इस मौके पर पूरा नगर भारत माता का जयकारों से गूज उठा। 

कारगिल के युद्ध में महराजगंज जनपद के नौतनवा कस्बे के निवासी शहीद पूरन बहादुर थापा और शहीद प्रदीप थापा ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सैनिकों से जमकर लोहा लिया और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। आज इन वीर सैनिकों को पूरा क्षेत्र याद कर रहा है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार शहीद सैनिकों की प्रतिमाओं पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्थानीय लोग एवं पूर्व सैनिक उन्हें याद कर जयकारे लगा रहे हैं। उन्हें गर्व है कि उनके क्षेत्र के रहने वाले दो वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

पूर्व सैनिकों एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि देश के लिए शहीद हुए इन वीर सैनिकों के कारण ही आज उनका सीना चौड़ा है। ऐसे वीर सपूतों को पैदा करने वाले मां बाप भी धन्य है। पूर्व सैनिकों का कहना था कि देश के लिए शहीद होना एक सैनिक के लिए सबसे बड़ी गर्व की बात होती है। देश की रक्षा के लिए अगर उन्हें अपने बेटों की भी कुर्बानी देनी पड़े तो उनके लिए सबसे बड़े गर्व की बात होगी। 

पूर्व सैनिकों का कहना है कि उन्हें बहुत गर्व है कि नौतनवा के दो सपूत देश के लिए शहीद हुए थे।

कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारत नेपाल सीमा पर रहने वाले पूर्व सैनिकों और नगरपालिका के चेयरमैन और स्थानीय लोगो ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए दोनों सपूतों के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया।

Exit mobile version