Site icon Hindi Dynamite News

महराजगंज: गरीबों की किस्मत के नहीं खुल रहे ताले, अफसरों की लापरवाही से पीएम आवास योजना के लाभ से कई गरीब वंचित

केंद्र सरकार की गरीबों को पक्की छत मुहैया कराने की योजना सिर्फ काग़ज़ों पर ही जोर शोर से चल रही है। अफसरों की लापरवाही से पीएम आवास योजना के लाभ से कई गरीब वंचित हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
महराजगंज: गरीबों की किस्मत के नहीं खुल रहे ताले, अफसरों की लापरवाही से पीएम आवास योजना के लाभ से कई गरीब वंचित

बृजमनगंज (महराजगंज): केंद्र सरकार की गरीबो को पक्की छत मुहैया कराने की योजना सिर्फ काग़ज़ों में ही चल रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते इस योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। कई चक्कर काटने के बाद भी पात्र लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गरीब तबके के लोग आवास के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में बृजमनगंज ब्लॉक के इलाहावास गांव के जीत बहादुर, मोलहू, मोतीलाल, जितेन्द्र जैसे कई गरीब लोगों ने डाइनामाइट न्यूज के साथ अपने दर्द का बयां किया और पीएम आवासा योजना की हकीकत को बयां किया।

इन लोगों की दावा है कि पात्र होने के बावजूद भी वे दो दशकों से आवास के लिए भटक रहें हैं। उन्होंने गांव के जिम्मेदारों से लेकर ब्लॉक तक के चक्कर लगाए फिर भी उन्हें आज तक पक्की छत मुहैया नहीं हुई।

इन लोगों ने बताया कि वे टूटी-फूटी झोपड़ी में मिट्टी की दीवाल के सहारे फूस डालकर झोपड़ी में रह रहे हैं। बरसात के दिनों में झोपड़ी से पानी टपकता है, जिससे स्थिति दूभर हो जाती हैं। बरसात में जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है। यदि उन्हें भी सरकारी आवास मिलता है तो वे सभी समाज की मुख्य धारा से जुड़ जायेंगे और परिवार के साथ पक्के घर में हंसी खुशी गुजर बसर कर लेंगे।

यहां के अनेक पात्र लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीस सालों से जो भी प्रधान हुआ, सभी ने आवास के बदले उनसे दस से बीस हजार रुपए रिश्वत मांगी। आज भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। गरीब रूपए नहीं दे पाते हैं तो पीएम आवास योजना की सूची से उनका नाम कटवा दिया जाता है। 

डाइनामाइट न्यूज को विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि बृजमनगंज ब्लॉक में आए प्रधानमंत्री आवास मे ब्लॉक अधिकारियों की मिली भगत से काफी सारे गांवों में आवास आवंटन भारी धांधली की गई है। कई गांवों से लगातार शिकायतें भी आ रहीं हैं। अगर सही तरीके से सरकारी आवास की जांच करा ली जाय तो ऐसे कई अपात्रों की पोल खुल जायेगी, जो सरकारी आवास का लाभ उठा लिए है। जबकि पात्र व्यक्ति दर दर की ठोकरें खा रहा है।

Exit mobile version