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महराजगंज: निचलौल में लकड़ी के जर्जर खंभों से गुजर रही हैवी लाइन, विद्युत विभाग गहरी नींद में

आजादी को 76 वर्ष पूरे होने के बाद जब देश में हाइटेक युग की बात हो रही हो और कोई विद्युत लाइन पुरानेऔर जर्जर लकड़ी के खंभों से गुजर रही तो कई सवाल खड़े हो जाते हैं। निचलौल में भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। पढें डाइनामाइट की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: निचलौल में लकड़ी के जर्जर खंभों से गुजर रही हैवी लाइन, विद्युत विभाग गहरी नींद में

महराजगंज: जनपद के निचलौल तहसील क्षेत्र में आज भी पिछडापन की स्थितियां उजागर हो रही हैं। डाइनामाइट न्यूज़ टीम द्वारा रविवार को की गई एक पड़ताल में यहां बेहद डरावना मंजर सामने आया।

निचलौल क्षेत्र के बहुवार मार्ग में आजादी के 75 साल बाद भी जर्जर लकड़ी के खंभों के सहारे बिजली की लाइन जा रही है। इन लकड़ी के खंभों को बांस के पोलों का सहारा दिया जा रहा है। जर्जर और पुराने पोल के गुजरते बिजली के तार कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते है। 

बहुवार मार्ग में 13 परिवार रहते हैं। यहां के लोगों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि वे पुराने और जर्जर पड़ चुके लकड़ी के पोल को बदलने के लिए बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर नगर पालिका अध्यक्ष तक के पास फरियाद लगाकर थक चुके हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में यहां के निवासी मनोज, रामदास, अमर, जयप्रकाश साहनी, लल्लन खां आदि ने बताया कि इन पोलों को बदलने के लिये तमाम बार बिजली विभाग के जेई, एई से लेकर जनप्रतिनिधियों को सूचित किया गया, किंतु नतीजा सिफर रहा।

उन्होंने बताया कि एक बार जिलाधिकारी के आदेश पर जेई और एई सर्वे करने आए। लेकिन उनका कहना था कि चार बिजली के खंभे लगाए जाएंगे, जिसमें करीब डेढ लाख का खर्चा आएगा और यह खर्चा नागरिकों को देना होगा।

ग्रामीणों ने बताया कि तबसे लेकर आज तक बिजली के खंभे लगाने का मामला विभाग ने ठंडे बस्ते में डालकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है। एक ग्रामीण ने तंज कसते हुए "शायद विभाग किसी हादसे का इंतजार कर रहा है"।

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