पनियरा कांड: साधु अजय योगी को गाड़ी से खींचकर पीटा गया, वीडियो वायरल

डीएन संवाददाता

महराजगंज जिले के पनियरा थाने के बिशुनपुरा गांव में एक महिला से जुड़े रुपयों को लेकर साधु योगी अजय नाथ और पूर्व प्रधान श्याम सुंदर वर्मा के बीच मारपीट के मामले का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद सारे मामले में नया मोड़ आ गया है। वीडियो देखकर साफ है कि साधु को गाड़ी से खींचकर बेरहमी से पीटा गया और किसी तरह उसकी जान बची। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव खबर..

योगी अजय को पीटते हमलावर
योगी अजय को पीटते हमलावर


महराजगंज: पनियरा थाने के बिशुनपुरा गांव में साधु अजय योगी के साथ की गयी मारपीट का सच सामने आने लगा है। इस मारपीट का एक वीडियो सामने आने से इस घटना में अब एक नया मोड़ आ गया है। तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो को देखने से साफ पता चलता है कि योगी अजय को हमलावरों ने पहले उनकी गाड़ी से बाहर खींचा और बाद में उनके साथ मारपीट की। पहले कहा जा रहा था कि साधु गांव में पहुंचने के बाद खुद ही गाली-गलौज करने लगे थे। इसके बाद उन्हें पीटा गया। 

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बिशुनपुरा गांव में योगी अजय के साथ हुई मारपीट के इस वीडियो में हमलावर पीड़ित को जबरन गुंडई से गाड़ी से बाहर उतार रहे हैं। गली में खड़ी योगी अजय की गाड़ी को चारों तरफ से हमलावरों ने घेर रखा है। वहां कुछ महिलाएं भी मौजूद है। बीच-बीच में मारो-मारो की आवाजें भी साफ सुनाई दे रही है। हमलावरों को योगी अजय को गाड़ी से खींचते हुए साफ देखा जा सकता है। 

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हमलावरों ने साधु को गाड़ी से बाहर जबरन उतारा और दौड़ा-दौड़ाकर जमकर पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उनके शरीर से खून बहने लगा। उनकी पीठ पर गंभीर जख्म के साफ निशान दिखाई दे रहे हैं पिटाई के बाद साधु वहां से भागने की कोशिश करते दिख रहे हैं लेकिन थोड़ी देर बाद असहाय होकर गिर गये।

 

साधु के पीठ के जख्म दे रहे हैं गुंडई की गवाही

 

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सबसे बड़ा सवाल, गिरफ्तारी क्यों नही

इस वीभत्स घटना को लेकर जगह-जगह चर्चाओं का दौर जारी है। एक पक्ष सीएम से मिलने लखनऊ पहुंच रहा है। इस मामले में पुलिस ने खानापूर्ति के नाम पर एनसीआर दोनों पक्षों को संतुष्ट करने के मकसद से दर्ज तो कर ली लेकिन रहस्यमय सवाल यह है कि जिन लोगों ने सरेआम कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ायी और गुंडागर्दी की उसमें से किसी की भी गिरफ्तारी क्यों नही की गयी? क्या इससे अराजक तत्वों का मनोबल नही बढ़ेगा और यदि भविष्य में कोई अनहोनी हो गयी तो फिर क्या जवाब पुलिस वाले मानवाधिकार आयोग तक देते फिरेंगे?










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