यूपी में योगी का एक और सुपरस्ट्रॉक, 50 साल की उम्र के बाद काम नहीं कर पाएंगे ऐसे ब्यूरोक्रेट्स

उत्तर प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी को चुस्त-दुरस्त करने की दिशा में योगी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है। सरकार अब ऐसे अधिकारियों को काम काम करने का मौका नहीं देगी, जो उसकी इन अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरेंगे।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 July 2017, 11:32 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रशासनिक ढाँचे में सुधार के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है।  सरकार का कहना है की वह राज्य में 50 साल की उम्र पार कर चुके ऐसे अधिकारियों को रिटायर करेगी जो लापरवाह और उदासीन होंगे। 50 साल की उम्र का आधार मार्च 2017 को माना जायेगा। जो अधिकारी उदासीन और लापरवाह होंगे साथ ही जिनका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं होगा, वे सभी अधिकारी इसमें शामिल होंगे। सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे अधिकारियों की पहचान के लिए राज्य भर में अफसरों की स्क्रीनिंग की जायेगी।

ब्यूरोक्रेसी को चुस्त दुरस्त करने की दिशा में यह  योगी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव राजीव कुमार ने सरकार के इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमने सभी विभागों को गुरुवार को इस सम्बन्ध में आर्डर जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  योगी ने राज्य में सभी विभागों में तैनात अधिकारियों के परफॉर्मेंस की समीक्षा करने के आदेश दिया है।  ताकि राज्य में योजनाओं पर त्वरित काम किया जा सके।

इसके लिए सरकार के साथ वे ही अधिकारी काम कर सकेंगे जो काफी तेज और एक्टिव होंगे इसलिए उदासीन और लापरवाह अधिकारियों के लिए कोई जगह नहीं है।   

सरकार का कहना है की वह ऐसे सुस्त और नॉन-परफॉर्मर अधिकारियों की पहचान के लिए 31 जुलाई तक स्क्रीनिंग करेगी और फिट न पाए जाने पर उन्हें ३ महीने का नोटिस दिया जायेगा। ऐसे अधिकारियों को 50 वर्ष  की उम्र में अनिवार्य रिटायरमेंट लेना होगा।

Published : 
  • 7 July 2017, 11:32 AM IST

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