Site icon Hindi Dynamite News

लखनऊ: यूपी में बाल श्रम खत्म करेगी सरकार, मजबूर बच्चों को देगी जरूरी मदद

यूपी सरकार की महिला एवं बाल कल्याण डा मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने आज समेकित बाल संरक्षण कार्यक्रम का आगाज किया और लोगों को मुसीबत में पड़े बच्चों की हर संभव मदद करने की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम के तहत सूबे में बाल श्रम को पूरी तरह रोकने का प्रयास किया जायेगा।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:

लखनऊ: यूपी सरकार की महिला कल्याण कैबिनेट मंत्री रीता जोशी ने राज्य में 'समेकित बाल संरक्षण कार्यक्रम’ योजना का आगाज किया। इस मुहिम के तहत बाल श्रमिकों, सड़क पर भीख मांगने वाले या मुसीबत में पड़े बच्चों की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी जाएगी और हर जरूरत बच्चे की समुचित मदद की जायेगी। इस कार्यक्रम में डा जोशी ने लोगों को मुसीबत में फंसे बच्चों की मदद करने की शपथ भी दिलाई।  

बाल हेल्पलाइन शुरू

चारबाग में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आई डा जोशी ने कहा कि यदि वह अपने वार्ड में किसी भी बच्चे को सड़क पर भीख मांगते, बाल श्रम करते हुए या किसी दूसरी समस्या से ग्रस्त देखें तो इसकी सूचना तुरंत ही बाल हेल्पलाइन 1098 पर दें। उन्होंने कहा कि सुरक्षित बचपन सभी बच्चों का मौलिक अधिकार और इसको बचाने की जिम्मेदारी समाज के सभी लोगों की है।

स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए स्पेशल कक्षाएं
डा. जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'समेकित बाल संरक्षण कार्यक्रम' के तहत यह योजना अमल में लाई जा रही है। जिसके तहत सभी बच्चों का आधार कार्ड बनवाए जाएगा और उन्हें सरकार की ओर से मिलने वाली सभी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। जिन बच्चों ने किसी कारण से स्कूल छोड़ दिया हैं, उनके लिए भी स्पेशल कक्षाएं संचालित करवाई जाएगी। 

वार्ड स्तर पर बनेगी सुरक्षा इकाई 

रीता जोशी का कहना है कि प्रत्येक वार्ड में एक इकाई का गठन किया जाएगा। जो मुसीबत में पड़े बच्चों की निगरानी करने का काम करेगा। अगर कोई जरूरत पड़ी तो जिला स्तर के अधिकारियों की भी मदद ली जाएगी। 

शपथ पत्र भी भरवाया जाएगा

प्रत्येक वार्ड में मौजूद व्यापारिक प्रतिष्ठानों से एक शपथ पत्र भी भरवाया जाएगा, जिसमें वह बाल श्रमिकों से काम न कराने की शपथ लेंगे। वहीं 1 महीने के अंदर अपनी दुकान में बाल श्रम से मुक्त होने का एक सर्टिफिकेट भी चस्पा करेगें। उन्होनें बताया की यह सुरक्षा इकाई, जन जागरूकता के माध्यम से ऑटो रिक्शा चालकों और पटरी दुकानदारों को भी अवगत कराएगी कि यदि वह मुसीबत में पड़े किसी बच्चे को देखें तो इसकी सूचना तत्काल 1098 या यह फिर पुलिस को दें। 
 

Exit mobile version