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अडाणी समूह और एलआईसी की इस डील पर कांग्रेस ने खड़ा किया सवाल, कहा- जेपीसी जांच जरूरी

कांग्रेस ने अडाणी समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की हिस्सेदारी बढ़ने का दावा करते हुए मंगलवार को कहा कि इस स्थिति को देखते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच जरूरी हो जाती है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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अडाणी समूह और एलआईसी की इस डील पर कांग्रेस ने खड़ा किया सवाल, कहा- जेपीसी जांच जरूरी

नयी दिल्ली:कांग्रेस ने अडाणी समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की हिस्सेदारी बढ़ने का दावा करते हुए मंगलवार को कहा कि इस स्थिति को देखते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच जरूरी हो जाती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अमेरिकी संस्था ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ की कुछ सप्ताह पहले आई रिपोर्ट में अडाणी समूह पर अनियमितता के आरोप लगाए गए थे और इसके बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर लगातार हमले कर रही है। अडाणी समूह ने सभी आरोपों को निराधार बताया था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘एलआईसी ने जनवरी से मार्च 2023 में अडाणी के 3.75 लाख शेयर खरीदे ! देश के करोड़ों लोग अपने जीवन की जमा-पूंजी एलआईसी में लगाते हैं ताकि उनको आर्थिक परेशानियों का सामना करने में मदद मिले।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ नरेन्द्र मोदी जी ने लोगों की मुसीबत में काम आने वाला पैसा अडाणी की भलाई के लिए क्यों लगाया ? जवाब =जेपीसी। ’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘ जून 2021 के अंत में एलआईसी की अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों में से एक कंपनी, अडाणी एंटरप्राइज़ेज़ में 1.32 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। 18 महीनों के भीतर, दिसंबर 2022 के अंत तक, अडाणी एंटरप्राइज़ेज़ में एलआईसी की हिस्सेदारी बढ़कर 4.23 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘अब यह पता चला है कि मार्च 2023 के अंत तक अडाणी एंटरप्राइज़ेज़ में एलआईसी की हिस्सेदारी और भी बढ़कर 4.26 प्रतिशत हो गई थी। यह वृद्धि ऐसे समय में हुई, जब अडाणी एंटरप्राइज़ेज़ के शेयर का बाज़ार मूल्य लगभग 60 प्रतिशत गिर गया था। एलआईसी ने जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही के दौरान अडानी एंटरप्राइज़ेज़ में 3.75 लाख शेयर खरीदे।’’

रमेश ने आरोप लगाया कि एलआईसी को प्रधानमंत्री के प्रिय व्यापारिक समूह को डूबने से बचाने के लिए अपने पॉलिसीधारकों के धन का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए जेपीसी का गठन और भी आवश्यक और अपरिहार्य हो जाता है।’’

 

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