नयी दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा नियुक्त 437 स्वतंत्र सलाहकारों को बर्खास्त करने के अपने फैसले का सोमवार को उच्चतम न्यायालय में बचाव करते हुए कहा कि नियुक्तियां अवैध थीं क्योंकि आरक्षण और प्रशासनिक नियमों के संवैधानिक सिद्धांतों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया था।
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में, उपराज्यपाल ने कहा कि नियुक्तियों के पीछे आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की वास्तविक मंशा बिना किसी जवाबदेही के समानांतर प्रशासनिक सेवा स्थापित करना था।
शीर्ष अदालत को उन्होंने बताया कि इनमें से कई नियुक्तियां उनके राजनीतिक जुड़ाव के कारण और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के बिना की गईं।
आप सरकार ने उपराज्यपाल द्वारा 437 स्वतंत्र सलाहकारों को बर्खास्त करने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

