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वकीलों का संगठन उपराष्ट्रपति धनखड़ और किरेन रीजीजू के खिलाफ पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जानिये क्या है मामला

‘‘बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन’’ ने न्यायपालिका और न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़ी कॉलेजियम प्रणाली पर टिप्पणियों को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू के खिलाफ जनहित याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के फैसले को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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वकीलों का संगठन उपराष्ट्रपति धनखड़ और किरेन रीजीजू के खिलाफ पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जानिये क्या है मामला

नयी दिल्ली: वकीलों के संगठन ‘‘बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन’’ ने न्यायपालिका और न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़ी कॉलेजियम प्रणाली पर टिप्पणियों को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू के खिलाफ जनहित याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के फैसले को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

वकीलों के निकाय ने बंबई उच्च न्यायालय के नौ फरवरी के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने इस आधार पर याचिका को खारिज कर दिया कि यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट अधिकार क्षेत्र को लागू करने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वकील अहमद आब्दी ने बताया कि यह याचिका मंगलवार को दायर की गई है।

एसोसिएशन ने दावा किया था कि रीजीजू और धनखड़ की टिप्पणियों और आचरण से संविधान में विश्वास की कमी प्रदर्शित होती है। निकाय ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति के रूप में और रीजीजू को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी।

जनहित याचिका में दावा किया गया था कि दोनों कार्यकारी अधिकारियों द्वारा 'न केवल न्यायपालिका, बल्कि संविधान पर हमला' से उच्चतम न्यायालय की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है।

रीजीजू ने कहा था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली 'अपारदर्शी' है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 1973 के केशवानंद भारती मामले के ऐतिहासिक फैसले पर सवाल उठाया था। केशवानंद भारती मामले में मूल ढांचे का सिद्धांत दिया गया था। धनखड़ ने कहा था कि उस फैसले से एक गलत मिसाल बनी।

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