कुशीनगर: अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर जिले भर से आशा कार्यकर्ता आशा बहू कल्याण समिति के बैनर तले सोमवार को कलेक्ट्रेट पर आ धमकीं। इन लोगों ने कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर धरना-प्रदर्शन किया।
इसके बाद डीएम से मिलकर मुख्यमंत्री को संबोधित अपना ज्ञापन सौंपकर उसे पूरा कराने की मांग की।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार आशा बहू कल्याण समिति की प्रदेश अध्यक्ष सीमा सिंह की अगुवाई में जिले के विभिन्न हिस्सों से आशा कार्यकर्ता जनपद मुख्यालय पर एकत्र हुईं। इ
सके बाद नारेबाजी करती हुई कलेक्ट्रेट पहुंचीं और गेट बंद कर धरना पर बैठ गईं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को जागरूक एवं समय से चिकित्सकीय सुविधा दिलाने के लिए आशा बहुओं एवं आशा संगिनी को इस योजना में स्थायी कर्मचारी का चयन कर समाहित किया जाए, पारिश्रमिक टुकड़ों में न देकर निश्चित मानदेय की व्यवस्था की जाए, कोविड कार्य में केवल डब्ल्यूएचओ द्वारा ही आशा एवं उनके बच्चों को सम्मान काफी नही है, स्थायी निश्चित मानदेय की व्यवस्था की जाए, राज्य एवं केंद्र सरकार की ओर से आंशिक देय प्रोत्साहन राशि का विभागीय कार्यालयों की ओर से अवशोषित करने के बाद नाम मात्र की धनराशि खाते में प्रेषित किया जाना नाकाफी है। इसमें वृद्धि की जाए।
इन सभी आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि वर्ष 2005 से कार्य कर रही हैं, 2024 आ गया। महंगाई को देखते हुए संविदा या कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
डीएम की तरफ से उचित पहल किए जाने कर आश्वासन पर आशा कार्यकर्ता और संगिनियों ने कलेक्ट्रेट का गेट खोला और धरना-प्रदर्शन बंद किया। हालांकि इसके बाद सीएमओ कार्यालय भी गईं, लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद वे बाद में वापस लौट गईं।
इस धरना-प्रदर्शन और घेराव में संगठन की प्रदेश उपाध्यक्ष इंदुबाला, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विभा राय, रेनू राय, राजकुमारी, नीरा देवी सहित अन्य आशा एवं संगिनी मौजूद थीं।

