बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार इस साल नवंबर या दिसंबर में जाति गणना रिपोर्ट स्वीकार कर लेगी।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि रिपोर्ट मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी और इस पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद हम अगला कदम उठाएंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सिद्धरमैया ने कहा, 'अब, उन्होंने (कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जयप्रकाश हेगड़े) ने कहा है कि वह नवंबर या दिसंबर में रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसे हम स्वीकार करेंगे।'
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिछले कार्यकाल के दौरान, आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एच. कंथाराज ने सर्वेक्षण किया था, जिसे तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों एच.डी. कुमारस्वामी, बी.एस. येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
इससे पहले सिद्धरमैया ने दावा किया कि उनकी सरकार ने देश में पहली बार जाति गणना करवाई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने (कांग्रेस सरकार) विभिन्न जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिए जाति गणना करवाई थी, लेकिन सरकारों को रिपोर्ट नहीं सौंपी गई।'
उन्होंने कहा कि कोई भी जन्मजात प्रतिभाशाली नहीं होता है। मौका मिलने पर ही वे अपनी प्रतिभा दिखाते हैं।
सिद्धरमैया ने कहा, 'प्रतिभा केवल एक जाति या धर्म तक ही सीमित नहीं है। अवसर और शिक्षा मिलने के बाद ही उनके अंतर्निहित गुण सामने आते हैं।'

