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केरल पुलिस ने मलयालम ऑनलाइन समाचार चैनल के कार्यालयों पर मारा छापा, जानिए पूरा मामला

कोच्चि शहर पुलिस की एक विशेष टीम ने एक मलयालम ऑनलाइन समाचार चैनल के कार्यालयों पर सोमवार रात छापा मारा।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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केरल पुलिस ने मलयालम ऑनलाइन समाचार चैनल के कार्यालयों पर मारा छापा, जानिए पूरा मामला

कोच्चि: कोच्चि शहर पुलिस की एक विशेष टीम ने एक मलयालम ऑनलाइन समाचार चैनल के कार्यालयों पर सोमवार रात छापा मारा।

पुलिस टीम ने चैनल के संपादक की तलाश के सिलसिले में यह कार्रवाई की, जिसके खिलाफ राज्य में सत्तारूढ़ वाम दल के एक विधायक ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज कराया है।

पुलिस के मुताबिक, उसने तिरुवनंतपुरम में ‘मरुनदान मलयाली’ के कार्यालयों पर और कोच्चि में एक आवास-सह-दफ्तर पर तलाशी के दौरान कुछ कंप्यूटर और मेमोरी कार्ड जब्त किए, ताकि चैनल के फरार संपादक शजन स्करिया के ठिकाने के बारे में पता लगाया जा सके।

कोच्चि पुलिस ने कुन्नाथुनाड के विधायक पी वी श्रीनिजिन द्वारा एलमक्कारा थाने में दर्ज कराए गए मामले में केरल उच्च न्यायालय के स्करिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के कुछ दिन बाद उनकी तलाश तेज कर दी है।

चैनल ने एक ऑनलाइन पोस्ट में पुलिस कार्रवाई की निंदा की। उसने आरोप लगाया कि पुलिस उसके पीछे पड़ी है।

चैनल ने कहा कि उसके कार्यालय में पुलिस की तलाशी आधी रात तक चली, जिस दौरान कुछ कंप्यूटर, कैमरे और लैपटॉप जब्त किए गए। चैनल ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी उसके कर्मचारियों के घर पहुंचे और उनके निजी कंप्यूटर जब्त कर ले गए।

केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) ने भी ऑनलाइन समाचार चैनल में काम करने वाली महिलाओं सहित अन्य कर्मचारियों के घरों पर पुलिस की छापेमारी की कड़ी निंदा की और दावा किया कि राज्य में ऐसी कार्रवाई पहले कभी नहीं हुई।

केयूडब्ल्यूजे ने कहा कि वह ‘मरुनदान मलयाली’ के काम करने के तरीके से सहमत नहीं है, लेकिन वहां कार्यरत मीडिया कर्मियों के घरों पर छापे मारना आपत्तिजनक है।

चैनल ने बताया कि स्कारिया ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है।

संपर्क करने पर कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त के सेतुराम ने ‘डाइनामाइट न्यूज़’ से कहा कि ऑनलाइन समाचार चैनल के कार्यालयों पर छापेमारी और संबंधित कार्रवाई उसके फरार संपादक का पता लगाने के लिए की जा रही जांच का हिस्सा थी और इसका प्रतिष्ठान की गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।

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