मणिपुर में ताजा हिंसा पर कपिल सिब्बल का बयान ,सांप्रदायिक वायरस राजनीतिक को प्रभावित करता है

मणिपुर में सोमवार को हुई हिंसा की ताजा घटना पर राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस केवल इंसान के शरीर को प्रभावित करता है, लेकिन ‘सांप्रदायिकता का वायरस’ राजनीति को प्रभावित करता है और इसके राजनीतिक लाभ अस्थाई होते हैं, लेकिन दाग हमेशा बने रहते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 23 May 2023, 6:44 PM IST

नयी दिल्ली: मणिपुर में सोमवार को हुई हिंसा की ताजा घटना पर राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस केवल इंसान के शरीर को प्रभावित करता है, लेकिन ‘सांप्रदायिकता का वायरस’ राजनीति को प्रभावित करता है और इसके राजनीतिक लाभ अस्थाई होते हैं, लेकिन दाग हमेशा बने रहते हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंफाल में एक पूर्व विधायक समेत हथियारबंद चार लोगों ने सोमवार को लोगों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए बाध्य किया था, जिसके बाद राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी थी। इंफाल पूर्व जिले में भीड़ ने दो मकानों में आग लगा दी थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘मणिपुर फिर से सुलग रहा है। पहले की झड़पों में 70 लोग मारे गए थे और 200 लोग घायल हुए थे। कोरोना वायरस केवल इंसान के शरीर को प्रभावित करता है, लेकिन ‘सांप्रदायिकता का वायरस’ राजनीति को प्रभावित करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह (सांप्रदायिकता का वायरस) फैलता है, तो इसके परिणामों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसके राजनीतिक लाभ अस्थाई होते हैं, लेकिन दाग हमेशा बने रहते हैं।’’

सिब्बल संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (संप्रग) के पहले और दूसरे शासनकाल में केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने पिछले वर्ष मई में कांग्रेस छोड़ दी थी। वह समाजवादी पार्टी (सपा) के सहयोग से राज्यसभा के लिए निर्दलीय सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए थे।

सिब्बल ने अन्याय से लड़ाई के लिए गैर चुनावी मंच ‘इंसाफ’ की स्थापना की है।

विपक्ष मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र और राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर लगातार निशाना साधता रहा है।

मणिपुर में आगजनी की ताजा घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अभी सेना और असम राइफल्स के कम से कम दस हजार जवान राज्य में तैनात हैं।

मालूम हो कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को कई जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था, जिसके बाद राज्य में हिंसक झड़पें हुई थीं।

Published : 
  • 23 May 2023, 6:44 PM IST

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