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थानेदार की बर्बरता: दुकान में की तोड़-फोड़, मालिक को जड़े तमाचे

जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम आदमी का कानून से विश्वास उठना लाजमी है। ताजा उदाहरण बेकनगंज क्षेत्र का है, जहां थानाध्यक्ष ने बर्बरतापूर्ण तरीके से दुकान का काउंटर गिरा डाला और मालिक व युवक की डंडों से जमकर पिटाई की।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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कानपुर: सूबे की सरकार क़ानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने की भले ही लाख कोशिश कर रही हो, लेकिन इसमें भी कोई संदेह नही कि सरकारी कर्मचारी ही इन कोशिशों को पलीता लगा रही है।  जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम आदमी का कानून से विश्वास उठना लाजमी है। इसका ताजा उदाहरण बेकनगंज क्षेत्र में देखने को मिला, जहां पुलिस देर रात 2 बजे बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए एक दुकान का काउंटर गिरा डाला और दुकान मालिक तमाचे जड़ दिये। दुकान के मालिक का केवल इतना दोष था कि उसकी शॉप देर रात तक खुली थी।

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थानाध्यक्ष ने दी गालियां, युवक की डंडों से पिटाई

बेकनगंज क्षेत्र में बुधवार देर रात 2 बजे के आसपास बेकनगंज थानाध्यक्ष अजय नारायण ने ही खुद इस बर्बरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया। दुकान मालिक की शॉप देर रात तक खुली हुई थी। थानाध्यक्ष अपनी जीप से उतरे और दुकानदार को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे। दुकानदार ने जब इसका विरोध किया तो थानाध्यक्ष ने उसका काउंटर खुद ही गिरा दिया और तीन चार तमाचे जड़ दिए। थानाध्यक्ष का गुस्सा जब शांत नहीं हुआ तो उन्होंने बर्बरतापूर्ण तरीके से दुकान पर मौजूद युवक की डंडों से जमकर पिटाई कर दी।

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सीसीटीवी कैमरे के कैद हुई करतूत

सुबह इस घटना की सूचना इलाके के लोगों तक पहुंची। हालांकि पुलिस के खौफ से हर कोई कुछ भी बोलने से बचता नज़र आया। लेकिन बेकनगंज थानाध्यक्ष की यह करतूत दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे के कैद हो गयी।

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क्या कानून का यही काम है?

शॉप मालिक शाहरुख ने बताया कि रात में दुकान बढ़ाने में काफी देर हो गयी थी और गाड़ियां भी बीच मे खड़ी थीं। इतने में बेकनगंज थानाध्यक्ष अपनी जीप और सिपाहियों को लेकर उतरे और गालियां बकने लगे। विरोध करने पर उन्होंने हमारे भाईयों को मारा-पीटा। पुलिस के खौफ के चलते शाहरुख ने अब तक शिकायत तक दर्ज नही करवाई है। उसका कहना है कि आज हमें मारा है, कल ऐसे ही किसी और को भी परेशान कर सकते हैं। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या कानून इसी काम के लिए बना है?

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