झारखंड मनरेगा घोटाला: निलंबित आईएएस अधिकारी के पति अग्रिम जमानत के लिए पहुंचे शीर्ष अदालत

झारखंड कैडर की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा ने राज्य में कथित मनरेगा घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में अग्रिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 June 2023, 9:48 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड कैडर की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा ने राज्य में कथित मनरेगा घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में अग्रिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

वर्ष 2000 बैच की आईएएस अधिकारी सिंघल 18.07 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन के गबन के कथित घोटाले की मुख्य आरोपी हैं, तब वह खूंटी जिले की उपायुक्त थीं।

अदालत ने सोमवार को झा से अपनी याचिका की एक प्रति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को देने को कहा।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित करते हुए कहा कि वह उस दिन जांच एजेंसी को नोटिस जारी करने के सवाल पर विचार करेगी।

झा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय के 18 मई के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें मामले में जमानत देने से इनकार किया गया था।

उन्होंने कहा कि झा ने 20 जून, 2011 को सिंघल से शादी की थी और आरोप है कि उन्होंने अपने बैंक खातों में उनसे अपराध की आय प्राप्त की है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने अदालत को सूचित किया कि वह मामले में ईडी का प्रतिनिधित्व करेंगे।

उच्च न्यायालय ने 18 मई को झा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें चार सप्ताह में अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था।

झा ने दावा किया है कि यह पैसा ऑस्ट्रेलिया में उनकी नौकरी से उनकी वैध आय थी।

आईएएस अधिकारी 16 फरवरी, 2009 से 19 जुलाई, 2010 तक खूंटी के उपायुक्त के रूप में तैनात थीं।

झा के खिलाफ आरोपों का हवाला देते हुए, अदालत ने सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार का हवाला दिया था, जिन्होंने दावा किया कि वह अपनी पत्नी की ओर से निवेश कर रहे थे।

सिंघल पर आरोप है कि उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर रांची में अवैध धन को वैध करने के लिए पल्स संजीवनी अस्पताल बनाया था।

 

Published : 
  • 12 June 2023, 9:48 PM IST

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