नयी दिल्ली: भारत ने कोरिया के चांगवोन में आईएसएसएफ जूनियर विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप के तीसरे दिन मंगलवार को चौथा स्वर्ण पदक जीतकर चीन को पीछे छोड़ते हुए पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया। चीन के तीन स्वर्ण पदक हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्थ माने, अभिनव साव और धनुष श्रीकांत ने मिलकर पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में भारत के लिए दिन का एकमात्र स्वर्ण पदक जीता।
उनके अलावा राइजा ढिल्लों ने महिलाओं की स्कीट में रजत पदक जबकि उमामहेश मदीनेनी ने पुरुषों की 10 मीटर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। यह प्रतियोगिता अभी छह दिन और चलेगी।
पार्थ, अभिनव और धनुष की तिकड़ी ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में कुल 1886.7 का स्कोर बनाया। चीन दूसरे स्थान पर रहा, जिसके निशानेबाजों ने कुल 1883.5 का स्कोर किया। कोरिया ने कांस्य पदक जीता।
यह अभिनव का टूर्नामेंट में दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने सोमवार को गौतमी भनोट के साथ मिलकर 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था।
पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में उमामहेश के अलावा अभिनव और धनुष भी फाइनल में पहुंचने वाले आठ खिलाड़ियों में शामिल थे।
अभिनव ने 631.4 अंक बनाए और वह 64 खिलाड़ियों में शीर्ष पर रहे थे। धनुष 629.9 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। उमामहेश ने 627.9 अंक बनाए और उन्होंने सातवें स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। फाइनल में हालांकि उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और 229 अंक बनाकर कांस्य पदक हासिल किया।
वह उस समय रजत पदक जीतने वाले चीनी वांग होंगहाओ से 0.6 अंक पीछे थे। फ़्रांस के रोमेन औफ़्रेरे ने स्वर्ण पदक जीता।
अभिनव चौथे और धनुष छठे स्थान पर रहे ।
महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में सोनम मासकर फाइनल में पहुंचने वाली एकमात्र भारतीय रही। वह आखिर में सातवें स्थान पर रही ।
महिलाओं की स्कीट में राइजा ने 110 का स्कोर बनाकर छठा और अंतिम क्वालीफाइंग स्थान हासिल किया। फाइनल में वह और स्लोवाकिया की मिरोस्लावा होकोवा समान 51 अंक लेकर शीर्ष पर रही। इसके बाद शूट ऑफ का सहारा लिया गया जिसमें भारतीय खिलाड़ी दूसरा लक्ष्य चूक गई। होकोवा ने दोनों अवसरों पर सही निशाने लगाए।
पुरुषों की स्कीट में हरमेहर लाली ने 119 का स्कोर किया। वह छह खिलाड़ियों के फाइनल में जगह बनाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी रहे लेकिन आखिर में उन्हें पांचवें स्थान से संतोष करना पड़ा।