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DN Exclusive: महराजगंज जिले में परफार्मेंस ग्रांट के तहत हो रहे विकास कार्यो में भारी बंदरबांट, कहीं मरम्मत के नाम पर भज गए लाखों तो कहीं दोयम ईंटो से हो रहा निर्माण

महराजगंज जनपद में इन दिनों परफार्मेंस ग्रांट के अंतर्गत हो रहे गाँवों के विकास कार्यो में जबरदस्त लूट खसोट मची है। विकास के नाम पर सरकारी पैसों का जमकर लोट खसोट मची है। कहीं विकास के नाम पर लाखों भज गए तो कहीं मिटटी और दोयम ईंटो से सडकों का निर्माण हो रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ पर देखिये ग्राउंड ज़ीरो रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: जिन ग्राम पंचायतों की अपनी आमदनी होती है किसी कारण वश और वहां आय के श्रोत होते हैं ऐसी ग्राम पंचायतों को शासन ने परफारेंस ग्रांट में चयनित की हुई है ताकि उस गांव के जनप्रतिनिधि परफार्मेंस ग्रांट के तहत विकास कार्य करा सके।

परफारेंस ग्रांट में चयनित होने के बाद शासन जो करोडों रुपये भेजता है विकास के लिए, अब उन्हीं पैसो का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है। परफारेंस ग्रांट के तहत कहीं विद्यालय का मरम्मत के नाम पर लाखों भजा लिया जा रहा है तो कही गाँव में सड़क निर्माण दोयम ईंटों और मिटटी से करायी जा रही है जब इन गावों का डाइनामाइट न्यूज़ ने जमीनी पड़ताल किया तो सब गोल मॉल दिखा।

जब डाइनामाइट न्यूज़ की टीम मिठौरा ब्लाक के खोस्टा गांव में पहुंची तो ग्रामीणों में उस गांव में हो रहे कार्यो को लेकर भयंकर गुस्सा था। उनका कहना है की गावं में काम को लेकर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है। 
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार में परफार्मेंस ग्रांट का 2020-21 में इस्टीमेट बना और 2022 से यह काम शुरु हुआ। 

इस योजना में खोस्टा गांव को मिला था 6 करोड़ रुपये जिसमे पानी की टंकी, विद्यालय का मरम्मत, पंखा, सोलर लाइट, पोखरे का सुन्दरी करण, सड़क समेत तमाम कार्य होना था लेकिन 2.50 करोड़ कट गया जल जीवन मिशन के नाम पर की जो पानी की टंकी बनेगी वह अब जल जीवन मिशन के तहत बनेगी और 1 करोड़ कटा विभागीय नाम पर जैसे पक्की सड़क समेत और कार्य जो विभाग कराएगा। अभी तक विकास के लिए 1 करोड़ रुपये लग चुके हैं।

गावं में लेकिन हालत जस के बना हुआ है, ग्रामीणों का कहना है की यह गांव सात टोले का गांव है और बरसात में हम लोगो को भरी दुश्वारियां झेलने पड़ता है।

पोखरे का सुन्दरी करण नहीं हुआ विकास वही हुआ जहाँ जनप्रतिनिधि के लोग हैं और ग्रामीणों ने प्रतिनिधि पर आरोप लगते हुए यहाँ तक कह डाला कि विद्यालय के सिर्फ मरम्मत के नाम पर 46 लाख रुपये निकाल लिए गए।

इस संबंध खोस्टा ग्राम प्रधान दीपक जायसवाल ने डाइनामाइट न्यूज़ पर अपनी बात रखते हुए कहा की गांव में जितना काम हुआ है उतना ही भुगतान हुआ है और सभी टोले पर बराबर कार्य हुआ है जो आरोप है वह निराधार है। 

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