Magh Purnima: सौभाग्य योग के संयोग में गंगा स्नान और दान से होगी बैकुंठ की प्राप्ति

ग्रह गोचरो व सौभाग्य योग के खास संयोग में माघी पूर्णिमा 5 जनवरी को मनेगी। इस दिन गंगा में स्नान करने से मानव को मोक्ष की प्राप्ति होगी। हर व्यक्ति माघी पूर्णिमा को गंगा में स्नान कर पुण्य कमा सकता है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िये पूरी ख़बर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 February 2023, 2:33 PM IST

महराजगंजः पवि़त्र माघ मास की पूर्णिमा पांच फरवरी रविवार को है। माघी पूर्णिमा पर स्नान-दान का खास महत्व है। इस दिन गंगा में डूबकी लगाने से मानव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस महा पर्व को लेकर तैयारी तेज हो गई है।

आचार्य पंडित दयाशंकर शुक्ल ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि 4 फरवरी शनिवार की रात 9 बजकर 29 मिनट पर होगी। जबकि समापन 5 फरवरी रविवार को रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा। पद्मपुराण के अनुसार माघ में जप-तप से भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। गंगा स्नान और दान से नरक से मुक्ति और बैकुंठ की प्राप्ति होती है। इस तिथि पर गोदान, तिल, गुड़ व कंबल के दान का विशेष महत्व है।

गंगा जल स्पर्श मात्र से स्वर्ग की प्राप्ति संभव
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। इस पावन समय में गंगा जल का स्पर्श मात्र भी स्वर्ग की प्राप्ति देता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन फलदाई होता है। भोजन, वस्त्र, गुड़, कपास, घी, लड्डू फल, अन्न आदि का दान करना पुण्य हे। सूर्योदय के पूर्व किसी नदी या घर पर ही स्नान करके भगवान मधुसूदन की पूजन करनी चाहिए। गंगा में स्नान करने से पाप एवं संताप का नाश होता है। भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। सुख सौभाग्य, धन, संतान की प्राप्ति होती है।

भगवान सत्यनारायण की कथा फलदाई
माघी पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण जी की कथा अति फलदाई होती है। भगवान विष्णु की पूजा में केले के पत्ते व फल, पंचामृत, पान, तिल, मौली, कुमकुम, दूर्वा जरूरी है। दूध, शहद,  केला, गंगा जल, तुलसी पत्ता, मेवा मिलाकर पंचामृत तैयार होता है। सत्यनारायण कथा के बाद उनका पूजा होता है। माता लक्ष्मी, महादेव, ब्रह्मा जी की आरती उतारी जाती है। भगवान शंकर के साथ सूर्यदेव, चन्द्रदेव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

Published : 
  • 1 February 2023, 2:33 PM IST

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