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रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव से ऐसे बचे

सोमवार को सावन का आखिरी सोमवार और रक्षाबंधन का पर्व है। इस दौरान चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। हम आपको यहां बता रहे हैं कि चन्द्र ग्रहण के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए क्या करें..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव से ऐसे बचे

कानपुर: सोमवार को सावन का आखिरी सोमवार और रक्षाबंधन का पर्व है। इस दौरान चंद्र ग्रहण भी उसी दिन पड़ रहा है। चन्द्र ग्रहण के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए कानपुर के फीलखाना स्थित वैभव लक्ष्मी माता मंदिर में मंहत ने 100 गायों का गेरू का लेप लगाकर और गले में माता रानी की रक्षा कवच रूपी घण्टी बांधी। साथ ही चन्द्रग्रहण से बचने के उपाय भी बताए। 

घरों के मुख्यद्वार पर गेरू लगाने से चन्द्रग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं होगा

वैभव लक्ष्मी माता मन्दिर के महंत अनूप कपूर ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताया कि सोमवार को रक्षाबंधन के त्योहार के मौके पर चन्द्रग्रहण का साया भी रहेगा। उन्होंने कहा कि चन्द्रग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए रविवार को यहां माता वैभव लक्ष्मी मन्दिर में 100 गायों को लेप लगाया गया है, और गले में घण्टी बांधी गयी है। इस दौरान चन्द्रग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के सरल उपाय भी बताए।

महंत अनूप कपूर ने आगे कहा कि सभी को अपने घरों के मुख्यद्वार पर गेरू के लेप लगाना चाहिए। वहीं अपने किचन में भी चारों तरफ गेरू लगाना चाहिए। जिससे ग्रहण का दोष आपके घरों तक नही पहुंचेगा। गेरू एक महत्वपूर्ण चीज़ है, जिसे हिन्दू धर्म में अलग मान्यता है। वहीं पुरातन काल से गेरू का लोग इस्तेमाल घरों में करते आ रहे हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए भी गेरू बहुत जरूरी

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए भी गेरू बहुत जरूरी है। कल साढ़े बारह बजे के बाद से गर्भवती महिलाऐ चाकू और कैंची का प्रयोग न करें। गर्भवती महिलाओं को अपने शरीर पर गेरू का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे उनके बच्चे पर किसी प्रकार के ग्रहण का दुष्प्रभाव नही पड़ेगा। वहीं उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में गायों को हम सभी देवी देवता के रूप में पूजते हैं, क्योंकि हमारी गौ माता में 84 हज़ार करोड़ देवी देवताओ का वास होता है।

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