Himachal Pradesh: स्टोन क्रशर बंद होने को लेकर भाजपा विधायकों का हिमाचल प्रदेश विधानसभा से बहिर्गमन

स्टोन क्रशर बंद होने को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने बुधवार को राज्य विधानसभा से बहिर्गमन किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 December 2023, 7:27 PM IST

धर्मशाला: स्टोन क्रशर बंद होने को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने बुधवार को राज्य विधानसभा से बहिर्गमन किया।

सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच तीखी टिप्पणियां देखी गईं। मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्टोन क्रशर बंद करने का कारण बताया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने जैसे ही अगले प्रश्न के लिए कहा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने सरकार पर अधूरी जानकारी देने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी और बहिर्गमन किया।

सुक्खू ने कहा कि सरकार खनन से 5 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने की योजना बना रही है और मौजूदा खनन नीति में संशोधन का प्रस्ताव है क्योंकि इससे कथित तौर पर राजस्व का नुकसान हो रहा है।

उन्होंने दावा किया कि मॉनसून के दौरान ब्यास बेसिन में 128 स्टोन क्रशर को बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कोई राजस्व हानि नहीं हुई, क्योंकि बारिश के मौसम के दौरान 15 सितंबर तक स्टोन क्रशर को बंद करना एक सामान्य प्रथा है।

सुक्खू ने गिट्टी और रेत की दर में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार निर्माण लागत में रेत और पत्थर की कीमत भी जोड़ने पर विचार कर रही है।

बिक्रम सिंह ठाकुर और बिपिन सिंह परमार (दोनों भाजपा) ने सरकार के फैसले को 'जनविरोधी' करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसने न केवल लोगों को अधिक कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया गया, बल्कि 1,600 लोगों को बेरोजगार भी कर दिया गया।

बिपिन सिंह परमार और होशियार सिंह के मुख्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम के दौरान 15 सितंबर तक नदियों और उनकी सहायक नदियों के बेसिन में खनन की अनुमति नहीं है, और इसके बाद खनन गतिविधियों की अनुमति होती है तथा केवल स्टोन क्रशर का संचालन बंद किया गया था।

उन्होंने कहा कि स्टोन क्रशर में काम करने वाले अधिकतर मजदूर दूसरे राज्यों से हैं और केवल कुछ ही हिमाचल प्रदेश से हैं तथा परिचालन फिर से शुरू होने के बाद वे काम पर वापस आ जाएंगे।

सत्र शुरू होने से पहले, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने अपने सिर पर गोबर की छोटी टोकरियां लेकर कांग्रेस सरकार द्वारा कथित तौर पर चुनावी गारंटी पूरी न करने के खिलाफ धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा परिसर में विरोध दर्ज कराया।

भाजपा विधायकों ने ‘‘सुक्खू भाई सुक्खू भाई, दस गारंटी किथे पै’’ (सुक्खू भाई, दस गारंटी कहां हैं) के नारे लगाए और कहा कि किसानों के साथ धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा राज्य सरकार को वादे के मुताबिक दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गाय का गोबर खरीदना होगा।

ठाकुर ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के लोगों से दस वादे किए थे और एक साल पूरा हो गया है, लेकिन जनता अभी भी चुनावी वादे पूरे होने का इंतजार कर रही है।

Published : 
  • 20 December 2023, 7:27 PM IST

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