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हनुमान जी आदिवासी थे’, मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक ने किया दावा,भगवान श्रीराम को लंका तक पहुंचाने वाले आदिवासी थे

मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने भगवान हनुमान को आदिवासी करार दिया है। सिंधार ने यह दावा शुक्रवार को धार जिले में एक रैली में किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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हनुमान जी आदिवासी थे’, मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक ने किया दावा,भगवान श्रीराम को लंका तक पहुंचाने वाले आदिवासी थे

भोपाल: मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने भगवान हनुमान को आदिवासी करार दिया है। सिंधार ने यह दावा शुक्रवार को धार जिले में एक रैली में किया।

इससे पहले, कांग्रेस के एक अन्य विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने भगवान शिव और बजरंगबली यानी भगवान हनुमान को आदिवासी कहा था।

धार जिले के गंधवानी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंघार ने कहा कि भगवान राम को लंका ले जाने वाले आदिवासी ही थे।

उन्होंने दावा किया कि कुछ लेखकों ने अपनी कहानियों में लिखा है कि बंदरों की एक सेना थी, लेकिन यह सच नहीं है। असल में सभी आदिवासी थे जो जंगल में रहते थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिंघार ने जनसभा में कहा, ‘‘कहानियां लिखने वाले तोड़मरोड़ कर देते हैं। लेकिन मैं कहता हूं कि हनुमान भी आदिवासी हैं। वे भगवान राम को लंका ले गए थे। अत: हम उन्हीं के वंशज हैं। हम बिरसा मुंडा, टंट्या मामा और हनुमान के वंशज हैं। गर्व से कहो कि हम आदिवासी हैं।’’

इस महीने की शुरुआत में, बरघाट निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक काकोडिया ने दावा किया कि भगवान शिव एक आदिवासी थे जिन्होंने दुनिया को बचाने के लिए जहर पी लिया था।

विधायक ने कहा, ‘‘मंथन से अमृत निकला। समझदार लोगों ने अमृत पिया और विष बच गया। उस विष का क्या करें? किसने पिया था वो जहर? हिमालय में रहने वाले भोले भंडारी (भगवान शिव) ने इसे पी लिया।’’

विधायक ने आगे कहा कि आदिवासियों को भोले भंडारी कहा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों ने जहर पीकर दुनिया को जीवन दिया। हमारा समाज कितना गौरवशाली है।”

मई महीने में उन्होंने कहा था कि बजरंगबली एक आदिवासी वनवासी थे जिन्होंने भगवान राम की रक्षा की और उनकी मदद की।

उदेपानी गांव में कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ की उपस्थिति में जनसभा को संबोधित कर रहते हुए काकोडिया ने कहा था, ‘‘कोई अयोध्या, क्षत्रिय या ब्राह्मण सेना नहीं थी, लेकिन (यह) आदिवासी समुदाय था (जिसने) भगवान राम की मदद की।’’

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