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G-20 Summit Manifesto: जी-20 देशों ने सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग और शिक्षा को बढ़ावा देने पर जताई प्रतिबद्धता, जानिये घोषणापत्र की खास बातें

जी20 के सदस्यों ने अपने नेताओं के घोषणापत्र में खुले, न्यायसंगत और सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने और अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की गतिशीलता को प्रोत्साहित करने का समर्थन किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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G-20 Summit Manifesto: जी-20 देशों ने सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग और शिक्षा को बढ़ावा देने पर जताई प्रतिबद्धता, जानिये घोषणापत्र की खास बातें

नयी दिल्ली: मानव पूंजी विकास के समर्थन में निवेश के महत्व को स्वीकार करते हुए जी20 ने शनिवार को सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करने के वास्ते डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उभरते रुझानों एवं तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने में शैक्षिक संस्थानों और शिक्षकों का सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई।

जी20 के सदस्यों ने अपने नेताओं के घोषणापत्र में खुले, न्यायसंगत और सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने और अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की गतिशीलता को प्रोत्साहित करने का समर्थन किया।

घोषणापत्र में कहा गया, ''हम सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें कमजोर परिस्थितियों में रहने वाले भी शामिल हैं। हम मानव पूंजी विकास को बढ़ावा देने में निवेश के महत्व को पहचानते हैं। हम शिक्षा और रोजगार के प्राथमिक निर्माण खंड के रूप में मूलभूत शिक्षा (साक्षरता, संख्यात्मकता और सामाजिक भावनात्मक कौशल) के महत्व को समझते हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और शैक्षिक संस्थानों एवं शिक्षकों को समर्थन देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं ताकि वे उभरते रुझानों और कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) सहित तकनीकी विकास के साथ तालमेल रख सकें।’’

घोषणापत्र में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) तक पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

इसमें कहा गया, ‘‘हम खुले, न्यायसंगत और सुरक्षित वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने और अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की गतिशीलता को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।’’

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