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महराजगंज: सरकारी एजेंसियों को गेहूं देने से कतरा रहे कृषक, सहकारी समितियों से किसानों का मोह भंग क्यों, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

साधन सहकारी समितियों पर सरकारी गेहूं खरीद को लेकर किसानों का मोह भंग होता दिख रहा है। आढ़तिये प्राइवेट गेहूं खरीद कर चांदी काटने में लगे हुए है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: सरकारी एजेंसियों को गेहूं देने से कतरा रहे कृषक, सहकारी समितियों से किसानों का मोह भंग क्यों, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

महराजगंज: सरकारी आकंड़ों के अनुसार एक अप्रैल से साधन सहकारी समितियों द्वारा किसानों का गेहूं खरीद शुरु हो जाती है। गेहूं खरीद की समय सीमा लगभग पूरी होने को है। लेकिन अभी तक समितियों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। किसान अपना गेहूं लाने से कतरा रहे है। वहीं प्राइवेट केन्द्रों पर चहलकदमी मची हुई है और आढ़तिये खूब मलाई काट रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सरकारी गेहूं खरीद रेट 2125 रुपये हैं तो वहीं प्राइवेट रेट 2200 है। सरकारी रेट की अपेक्षा प्राइवेट रेट लगभग 75 रुपये अधिक है।

इस वर्ष महराजगंज जनपद में कुल 2084 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है जो पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा कम है। पिछले वर्ष इसी समय 14781 मिट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी जो पिछले वर्ष के अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा कम है।

गेहूं की कम पैदावार 

हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष  गेहूं की कम पैदावार भी किसानों के लिए मुसीबत और चिंता का कारण बना हुआ है। शायद यह भी कारण है कि किसान जितनी पैदावार हुई है उसको कम मूल्य में सरकारी एजेंसियों को नहीं देना चाहते है।

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