Site icon Hindi Dynamite News

ऑनलाइन जुए और रम्मी पर प्रतिबंध की कवायद, जानिये पूरा अपडेट

तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने बृहस्पतिवार को कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने 2021 के अपने फैसले में कहा था कि सरकार ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून बना सकती है ।पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
ऑनलाइन जुए और रम्मी पर प्रतिबंध की कवायद, जानिये पूरा अपडेट

चेन्नई: तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने बृहस्पतिवार को कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने 2021 के अपने फैसले में कहा था कि सरकार ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून बना सकती है और इससे यह स्पष्ट हो गया कि राज्य विधानसभा ऑनलाइन रम्मी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पारित करने के वास्ते सक्षम है।

रघुपति ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि उच्च न्यायालय ने तीन अगस्त, 2021 को ‘तमिलनाडु गेमिंग और पुलिस कानून (संशोधन) अधिनियम 2021’ के प्रावधानों को रद्द कर दिया था, जो अन्य कारणों से साइबर क्षेत्र में दांव या बाजी लगाने पर प्रतिबंध लगाता है, न कि विधायिका की क्षमता के आधार पर।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि तमिलनाडु सरकार के पास ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की क्षमता है।’’

राज्यपाल आर.एन. रवि ने विधानसभा द्वारा 19 अक्टूबर, 2022 को पारित ‘तमिलनाडु ऑनलाइन जुए का निषेध और ऑनलाइन गेम का नियमन विधेयक’ को यह कहते हुए विधानसभा को लौटा दिया था कि राज्य की विधायिका के पास 'विधायी क्षमता का अभाव' है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि राज्यपाल ने विधेयक क्यों लौटाया है। विधेयक वापस भेजने के लिए राज्यपाल रवि द्वारा दिये गये कारणों की मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा पड़ताल की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में विधेयक को फिर से पारित किया जाता है तो राज्यपाल अपनी मंजूरी देने के लिए बाध्य होते हैं।

मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा तीन अगस्त, 2021 को ‘तमिलनाडु गेमिंग और पुलिस कानून (संशोधन) अधिनियम 2021’ के प्रावधानों को रद्द कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय द्वारा इस तरह के प्रावधानों को संविधान के अधिकारातीत के रूप में रखा गया था। अदालत ने कहा था कि सट्टेबाजी और जुए के क्षेत्र में संवैधानिक मर्यादा के अनुरूप सरकार उचित कानून पारित कर सकती है।

विधेयक के पारित होने के बाद, इसे राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन भेजा गया था और सरकार ने बार-बार राज्यपाल रवि से इसे मंजूरी देने का आग्रह किया था।

Exit mobile version