नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी श्रमिकों को केवल इस आधार पर राशन कार्ड देने से मना नहीं कर सकतीं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत जनसंख्या अनुपात उचित तरह से नहीं रखा गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्ला की पीठ ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए और किसी कल्याणकारी राज्य में सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों तक पहुंचे।
पीठ ने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह रहे कि सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई या कोई लापरवाही हुई है। फिर भी यदि कुछ लोग छूट जाते हैं तो केंद्र और राज्य सरकारों को देखना चाहिए कि उन्हें राशन कार्ड मिल जाए।’’
उसने कहा, ‘‘केंद्र सरकार या कोई राज्य सरकार इस आधार पर राशन कार्ड देने से मना नहीं कर सकती कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत जनसंख्या अनुपात उचित तरीके से नहीं रखा गया।’’

