कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले के संबंध में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा सौंपे दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं है तो वह उन्हें नए सिरे से समन भेजने पर विचार कर सकता है।
ईडी ने बुधवार को अभिषेक बनर्जी को नौ अक्टूबर को यहां उसके समक्ष पेश होने के लिए समन भेजा था। वह राज्य की बकाया केंद्रीय निधि को तत्काल जारी करने की मांग को लेकर नयी दिल्ली में टीएमसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए तीन अक्टूबर को एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए थे जिसके बाद उन्हें नौ अक्टूबर को पेश होने के लिए समन भेजा गया है।
डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी की एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए एक खंडपीठ ने कहा कि एजेंसी आवश्यक दस्तावेज सौंपे जाने के संबंध में बनर्जी के लिए एक समयसीमा तय कर सकती है।
एकल पीठ ने ईडी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे कि तीन अक्टूबर को पूछताछ की प्रक्रिया बाधित न हो।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि अगर ईडी जांच के लिए बनर्जी द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं है तो वह उन्हें समन भेजने पर विचार कर सकती है।
जांच एजेंसी बृहस्पतिवार को अपनी दलीलें पेश कर सकती है।
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में बनर्जी से ईडी ने 12 सितंबर को करीब नौ घंटे पूछताछ की थी। इसके बाद बनर्जी ने दावा किया था कि ये पूछताछ उन्हें विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) की बैठक में हिस्सा लेने से रोकने का प्रयास था और यह इस बात का प्रमाण है कि टीएमसी विपक्षी एकता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
ईडी दो बार के सांसद अभिषेक बनर्जी से कोयला चोरी मामले में दो बार – 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में एजेंसी के कार्यालय में और 2022 में कोलकाता में पूछताछ कर चुकी है।

