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ईडी को कुख्यात अपराधी के खिलाफ छापेमारी के दौरान मिले डेढ़ करोड़ से अधिक की नकदी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने गुजरात, महाराष्ट्र और दमन में फिरौती, हत्या और शराब तस्करी के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ छापेमारी के दौरान 1.62 करोड़ रुपये नकदी जब्त की, जिसमें ज्यादातर दो हजार रुपये मूल्य के नोट शामिल हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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ईडी को कुख्यात अपराधी के खिलाफ छापेमारी के दौरान मिले डेढ़ करोड़ से अधिक की नकदी

नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने गुजरात, महाराष्ट्र और दमन में फिरौती, हत्या और शराब तस्करी के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ छापेमारी के दौरान 1.62 करोड़ रुपये नकदी जब्त की, जिसमें ज्यादातर दो हजार रुपये मूल्य के नोट शामिल हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सुरेश जगुभाई पटेल और उसके सहयोगियों के दमन तथा गुजरात के वलसाड स्थित नौ आवासीय एवं वाणिज्यिक परिसरों पर 19 जून को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापेमारी की गई।

ईडी ने कहा कि सुरेश जगुभाई पटेल और उसके सहयोगी-केतन पटेल, विपुल पटेल और मितेन पटेल दमन में 2018 में हुए दोहरे हत्याकांड के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।

ईडी ने कहा कि धन शोधन का मामला पटेल और उसके सहयोगियों के खिलाफ दमन, गुजरात और मुंबई में भ्रष्टाचार, अवैध हथियारों की बरामदगी, हत्या, हत्या के प्रयास, फिरौती, शराब तस्करी, लूटपाट, सरकारी कर्मियों पर हमला और पासपोर्ट फर्जीवाड़ा सहित अन्य अपराधों में दर्ज 35 प्राथमिकियों से उपजा है।

जांच एजेंसी ने कहा कि छापेमारी के परिणामस्वरूप 1.62 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई, जिसमें एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम 2,000 रुपये मूल्य के नोट में है।

ईडी ने बताया कि इसके अलावा, 100 से अधिक संपत्ति से संबंधित दस्तावेज और तीन बैंक लॉकर की चाबियों के साथ-साथ कंपनियों, प्रतिष्ठानों और नकदी के लेन-देन के बारे में ‘संदिग्ध’ कागजात बरामद किए गए हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल में 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। हालांकि, लोगों को ऐसे नोट खातों में जमा करने या बैंक में बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।

ईडी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने कई कंपनियों का जाल बिछाया और इनमें से ज्यादातार में कोई ‘‘कारोबार नहीं हो रहा था या बहुत कम कारोबार’’ होता था। उसने दावा किया कि इन कंपनियों के गठन का एकमात्र मकसद ‘‘आपराधिक गतिविधियों से अवैध रूप से अर्जित धन का शोधन करना’’ था।

संघीय जांच एजेंसी ने पाया कि सुरेश पटेल, उसके परिवार के सदस्यों और उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के बैंक खातों में ‘‘100 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जमा की गई थी।’’

सुरेश पटेल गुजरात में शराब तस्करी के 10 से अधिक मामलों, जालसाजी और धोखाधड़ी के सात मामलों, हत्या या हत्या के प्रयास के आठ मामलों, अवैध हथियार रखने के पांच मामलों और भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपी है।

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