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DN Exclusive: नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म, कोठीभार पुलिस ने लाचार पिता से 4 हजार ले दर्ज किया छेड़खानी का मुकदमा

पहले नाबालिग को प्रेम प्रसंग में फंसाने का खेल, फिर दुष्कर्म और जब मामला खुल जाये तो फिर पुलिस को पटा मामले की लीपापोती। कुछ ऐसा ही काला कारनामा हुआ है महराजगंज जिले के कोठीभार थाना क्षेत्र के एक गांव में। जब यहां डाइनामाइट न्यूज़ के खोजी संवाददाताओं की टीम पहुंची तो गांव का मंजर हैरान करने वाला था। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट:
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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DN Exclusive: नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म, कोठीभार पुलिस ने लाचार पिता से 4 हजार ले दर्ज किया छेड़खानी का मुकदमा

सिसवा (महराजगंज): कोठीभार थाने से चंद किलोमीटर की दूरी पर बसा एक गांव इन दिनों जबरदस्त चर्चा में है।

पहले एक लड़का गांव की ही दूसरी जाति की एक नाबालिग लड़की को प्रेम जाल में फंसाता है और उसके साथ दुष्कर्म करता रहता है। फिर एक दिन शादी करने का झांसा दे बुलाता है और फिर दुष्कर्म करता है। 

लड़की ने जब घर वालों को पूरी बात बतायी तब जाकर भेद खुला और फिर शुरु हुआ आरोपियों और पुलिस का मैनेज गेम।

हैरान करने वाली यह है कि जब पीड़िता का गरीब लाचार पिता कोठीभार थाने पहुंचा तो वहां संदेहास्पद परिस्थितियों में उसकी तहरीर ही बदल दी गयी।

बलात्कार की जगह छेड़खानी का मुकदमा?

पीड़िता लड़की और उसका पिता चीख-चीख कर बलात्कार की बात कह रहे हैं लेकिन उनके इन आरोपों के बावजूद पुलिस ने न तो पीड़िता को मेडिकल परीक्षण कराया और न ही दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर पंजीकृत किया।

पुलिस का कहना है कि पीड़िता के पिता की तहरीर पर मुकदमा अपराध संख्या 80/2021 धारा 354, 354क तो दर्ज किया गया है। पुलिस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि जब पीड़िता और उसके पिता कह रहे हैं कि आरोपियों ने बलात्कार किया है तो फिर पुलिस ने मेडिकल परीक्षण क्यों नहीं कराया? तहरीर में हेर-फेर कर धारायें क्यों बदली गयीं?

इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि कोठीभार पुलिस ने पीड़िता के गरीब पिता से मुकदमा लिखने के नाम पर चार हजार रुपये ऐंठ लिये। 

जब डाइनामाइट न्यूज़ की टीम गांव पहुंची तो वहां चारों ओर गजब का सन्नाटा पसरा था। आरोपियों के दहशत के आगे गांव के लोग मुंह खोलने को तैयार नहीं थे। 

बड़ा सवाल यह है कि आखिर कोठीभार पुलिस किसके दबाव में आरोपियों को बचा रही है, पर्दे के पीछे से कौन सफेदपोश आरोपियों के साथ खड़े हैं? जब पुलिस ही आरोपियों का साथ देगी तो फिर कैसे बेटियां सुरक्षित रहेंगी?
 

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