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कश्मीर में भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी के खिलाफ युवाओं का प्रदर्शन, जानिये पूरा मामला

जम्मू एवं कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) की ओर से विभिन्न पदों पर लिखित परीक्षा आयोजित करने के लिए पहले काली सूची में डाली गई एक कंपनी को फिर से अनुबंध देने के खिलाफ शुरु हुआ प्रदर्शन बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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कश्मीर में भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी के खिलाफ युवाओं का प्रदर्शन, जानिये पूरा मामला

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) की ओर से विभिन्न पदों पर लिखित परीक्षा आयोजित करने के लिए पहले काली सूची में डाली गई एक कंपनी को फिर से अनुबंध देने के खिलाफ शुरु हुआ प्रदर्शन बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नौकरी के इच्छुक सैकड़ों अभ्यर्थियों ने कंपनी ‘ऐपटेक’ और जेकेएसएसबी के खिलाफ यहां प्रेस एन्क्लेव पर प्रदर्शन किया।

उन्होंने कंपनी पर कदाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उसके अनुबंध को रद्द करने की मांग की।

जेकेएसएसएसबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि प्रदर्शन का कोई औचत्य नहीं है, क्योंकि ‘ऐपटेक’ को अनुबंध देने का मामला अदालत में विचाराधीन है।

उन्होंने कहा कि कंपनी को केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन के दिशा-निर्देशों के तहत अनुबंध दिया गया है और इसने काली सूची में डाले जाने की तीन साल की अवधि को पिछले साल पूरा कर लिया है।

आरिफ हुसैन नाम के एक अभ्यर्थी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जेकेएसएसबी हमें ऐसी परीक्षा देने के लिए मजबूर कर रहा है, जिसका आयोजन काली सूची में डाली गई कंपनी ‘ऐपटेक’ द्वारा किया जा रहा है। उसने कई घोटाले किए हैं।’’

उन्होंने पूछा कि ऐसी कंपनी को परीक्षा आयोजित करने की इजाजत क्यों दी जा रही है, जो ‘घोटाले’ में शामिल है।

हुसैन ने कहा कि अभ्यर्थी ‘ऐपटेक’ द्वारा आयोजित परीक्षाओं को स्वीकार नहीं करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम फॉर्म जमा करते हैं और पैसा अदा करते हैं। एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) 100 रुपये (के शुल्क) में परीक्षा आयोजित करता है जबकि ‘ऐपटेक’ 550 रुपये (के शुल्क) में इम्तिहान आयोजित करता है। हम काली सूची में डाली गई कंपनी को पैसा क्यों दें?“

एक अन्य अभ्यर्थी शाहिद फारूक ने कहा कि ‘ऐपटेक‘ को दिया गया अनुबंध रद्द किया जाना चाहिए।

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