नर्सरी दाखिले पर दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती

उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दायर कर दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उपराज्यपाल को नर्सरी दाखिले के लिए बच्चों की ‘स्क्रीनिंग’ पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव वाले 2015 के उस विधेयक पर सहमति देने या वापस करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया गया था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 September 2023, 6:45 PM IST

नयी दिल्ली:  उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दायर कर दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उपराज्यपाल को नर्सरी दाखिले के लिए बच्चों की ‘स्क्रीनिंग’ पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव वाले 2015 के उस विधेयक पर सहमति देने या वापस करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को गैर सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ द्वारा दायर एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि वह विधायी प्रक्रिया में हस्तक्षेप और उपराज्यपाल को दिल्ली स्कूल शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2015 को मंजूरी देने या इसे वापस करने का निर्देश नहीं दे सकता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से शीर्ष अदालत में दायर अपील में संगठन ने कहा कि स्कूलों में नर्सरी प्रवेश में स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगाने वाला बाल-हितैषी विधेयक पिछले सात वर्षों से बिना किसी औचित्य तथा सार्वजनिक हित और लोक नीति के खिलाफ केंद्र और दिल्ली सरकार के मध्य लटका हुआ है।

जनहित याचिका को खारिज करते हुए, उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने कहा था कि उच्च न्यायालय के लिए यह उचित नहीं है कि वह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए राज्यपाल, जो एक संवैधानिक प्राधिकारी है, को उन मामलों में समय सीमा निर्धारित करने का निर्देश दे जो पूरी तरह से उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

Published : 
  • 19 September 2023, 6:45 PM IST

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