दिल्ली हाईकोर्ट देश का पहला टेलीप्रजेंस शुरू करने वाला कोर्ट, एक ही समय पर कई लोगों संग की जा सकेगी बैठक
अभी तक कोर्ट में कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था होती थी लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में अब टेलीप्रजेंस की शुरुआत की गई है। इस तकनीकी के माध्यम से एक ही समय पर बैठक आदि की जा सकेंगी और शामिल लोगों के साथ दस्तावेजों का आदान प्रदान भी सुगम हो जाएगा।
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आधुनिक तकनीकी सेवाओं के मााध्यम से कामकाज को विस्तार देने की रुपरेखा पर अमल करना शुरू कर दिया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज देश की पहली टेलीप्रजेंस सुविधा का शुभारंभ किया। इससे न्यायिक प्रक्रिया में सकारात्मक बदलाव आएगा साथ ही सुनवाइयों में लोगों को सुविधा होगी।
टेलीप्रजेंस सुविधा का शुभारंभ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर ने हाई कोर्ट के जजेज लाउंज में किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीकी की दिशा में दिल्ली हाईकोर्ट ने अच्छा कार्य किया है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा और न्याय व्यवस्था की गुणवत्ता को बढ़ाएगा।
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इस दौरान उन्होंने 2002 के कंप्यूटरीकरण को याद करते हुए कहा जब कंप्यूटरों को प्रयोग में लाने की बात उठी थी तब कई लोगों ने उसे काम बढ़ाने वाला कदम बताया था लेकिन प्रयोग में आने के बाद कर्मचारियों का काम कितना आसान हो गया यह किसी से छिपा नहीं है।
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वहीं मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने कहा इस तकनीक से लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। न्यायमूर्ति राजीव शकधर एवं न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा हाईकोर्ट के सूचना तकनीकी कमेटी के मुखिया हैं।
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इस दौरान न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट, न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर, न्यायमूर्ति ज्योति सिंह, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति एके सीकरी आदि के अलावा दिल्ली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कीर्ति उप्पल सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।