Site icon Hindi Dynamite News

महराजगंज: दिनदहाड़े 25 साल पहले की गई हत्या के मामले में सजा का ऐलान, एक दोषी को आजीवन कारावास तो दूसरे को 10 साल की जेल, जानिये पूरा मामला

महराजगंज जनपद में वर्ष 1996 में दिनदहाड़े लाठी-डण्डों से पीटकर हुई एक हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
महराजगंज: दिनदहाड़े 25 साल पहले की गई हत्या के मामले में सजा का ऐलान, एक दोषी को आजीवन कारावास तो दूसरे को 10 साल की जेल, जानिये पूरा मामला

महराजगंज: जनपद के थाना कोतवाली सदर क्षेत्रान्तर्गत मंगरहवा सीवान के जंगल के किनारे वर्ष 1996 में दिनदहाड़े लाठी-डण्डों से पीटकर की गई हरिश्चन्द्र की हत्या के मामले में अपर सत्र  न्यायाधीश रेखा सिंह की अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है। कोर्ट ने हत्या के मामले में दोषी पाये गये अभियुक्त रामचन्दर को आजीवन कारावास और सह-अभियुक्त श्रीपत को दस वर्ष के कारावास के साथ 70,000/ रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया। 

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने इस मामले में 8 लोगों को गवाह के रूप में पेश किया और अदालत में जोरदार बहस के साथ दोषियों को कठोर सजा की मांग की, जिसके बाद अपर सत्र- न्यायाधीश रेखा सिंह की अदालत ने दोषियों को सजा का आदेश पारित किया।

जानकारी के अनुसार वादी मुकदमा मुराली पुत्र दशरथ केवट निवासी जंगल फरजंदाली, घाल- कोतवाली ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि 18 सितंबर 1996 को वादी एवं हारेश्चन्द्र,  कैलाश व रमेश यंगरहवा सिवान मे जंगल के किनारे थे। उसी दौरान वहां रामचन्दर व हरिकेश यादव जंगल से सागौन की लकड़ी काट रहे थे। वादी ने लकड़ी काटने से रोका तो वे लोग गाली गलौज करने लगे।

पेश मामले के मुताबिक लकड़ी काटने से रोकने पर बढ़े विवाद के बाज अभियुक्त रामचन्दर का साथी श्रीपत पुत्र बृजकाल निवासी-बंगरहवा अपने हाथ में तमंचा लेकर व राजू पुत्र रामविलास अपने हाथ में लाठी लेकर आ गये। श्रीपत ने वादी को जान से मारने की नीयत से फायर किया जो मिस हो गया। राजू, रामचन्दर व हरिकेश ने मिलकर हरिश्चन्द्र को लाठी-डण्डों से बुरी तरह पीटा और मौके से भाग गये। 

तत्कालीन विवेचना अधिकारी बृजमोहन शुक्ला द्वारा विवेचना के पश्चात न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी 8 गवाही कराकर जोरदार बहस कर सजा की मांग की। इस मामले में आरोपी हरिकेश और राजू की मौत हो चुकी है। 

अदालत ने अभियुक्त रामचन्दर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि सह-अभियुक्त श्रीपत को दस वर्ष के कारावास के साथ 70,000/ रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया।

Exit mobile version