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Cricket: वर्ल्ड कप टीम में चुने जाने पर बोले आर अश्विन, मेरा अंतिम विश्व कप हो सकता है

रविचंद्रन अश्विन ने शनिवार को स्वीकार किया कि पांच अक्टूबर से शुरु होने वाला आगामी विश्व कप भारत की ओर से उनका अंतिम विश्व कप हो सकता है जिसमें इस अनुभवी स्पिनर को चोटिल अक्षर पटेल की जगह मेजबान टीम की 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Cricket: वर्ल्ड कप टीम में चुने जाने पर बोले आर अश्विन, मेरा अंतिम विश्व कप हो सकता है

गुवाहाटी: रविचंद्रन अश्विन ने शनिवार को स्वीकार किया कि पांच अक्टूबर से शुरु होने वाला आगामी विश्व कप भारत की ओर से उनका अंतिम विश्व कप हो सकता है जिसमें इस अनुभवी स्पिनर को चोटिल अक्षर पटेल की जगह मेजबान टीम की 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया है।

अश्विन ने हाल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ समाप्त श्रृंखला के पहले दो वनडे में शानदार प्रदर्शन किया और इसके बाद उन्हें पटेल की जगह टीम में चुना गया।

भारत के शनिवार को यहां गत चैम्पियन इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच से पहले 37 वर्षीय अश्विन ने मैच से पूर्व बातचीत में यह बात स्वीकार की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अश्विन ने कहा, ‘‘अच्छी लय में हूं और इस टूर्नामेंट का लुत्फ ले रहा हूं जो मुझे अच्छी लय में रखेगा। यह भारत के लिए मेरा अंतिम विश्व कप हो सकता है इसलिये टूर्नामेंट का आनंद लेना सबसे अहम है। ’’

उन्होंने भारतीय टीम में अपने चयन के बारे में कहा, ‘‘मै इसके बारे में (टीम में चयन) में कहता कि आप मजाक कर रहे हो। लेकिन जीवन कई उतार चढ़ाव से भरा होता है। ईमानदारी से कहूं तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं यहां टीम के साथ मौजूद रहूंगा। परिस्थितियों ने सुनिश्चित किया कि मैं आज यहां हूं, टीम प्रबंधन ने भरोसा दिखाया है। ’’

अश्विन ने विश्व कप इतिहास में भारत के लिए 10 मैच खेले हैं जिसमें अंतिम मुकाबला 2015 में था। उन्होंने 24.88 के औसत से 17 विकेट झटके हैं और इसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 25 रन देकर चार विकेट था।

मौजूदा भारतीय टीम में विराट कोहली के अलावा अश्विन एकमात्र सदस्य हैं जो 2011 में विश्व कप विजयी अभियान का हिस्सा थे।

अश्विन ने कहा कि दबाव से निपटना अहम होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आप इतना ही कर सकते हो कि गेंद दोनों तरीके से टर्न कराओ और मुझे लगता है कि मैं ऐसा कर सकता हूं। इन टूर्नामेंट में दबाव से निपटना अहम होता है और इससे ही तय होगा कि टूर्नामेंट कैसा रहता है। ’’

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