बलरामपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल जिले के पचपेड़वा विकास खंड के ग्राम इमलिया कोडर में महाराणा प्रताप की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगें जहां एक तरफ पूरा प्रशासन उनके आगमन को लेकर तैयारियों में जुटा है वही लोगों की उम्मीद जगी है कि सीएम उनकी समस्याओं पर जरूर ध्यान देंगे। दरअसल भारत नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर जिले के सीमावर्ती पचपेड़वा और गैसडी विकासखंडो के करीब 54 ग्राम पंचायतों में बसी थारू जनजाति की लगभग 50 हजार आबादी आजादी के 70 साल बाद भी पेयजल, शिक्षा, रोजगार, विद्युत जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहकर गुलामी से भी बदत्तर जिंदगी जीने को मजबूर है।
नेपाल तक फैले सोहेलवा जंगल के मध्य थारू बाहुल्य पांच वनग्रामों बड़काभुकुर्वा, छोट्काभुकुर्वा, कंचनपुर, नरिहवाऔर अकलघरवा को कागजों पर राजस्व ग्राम भले ही घोषित कर दिया गया हो लेकिन इन गांवों में अभी तक बिजली, पानी, शिक्षा,स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं का नामों निशान भी नहीं है।
इसके अतिरिक्त दोनो ब्लाकों के कुल सोलह गांवो में बिजली के खम्भे तो सालो से गढ़े है लेकिन बिजली आज तक नही पहुंची। जंगली इलाका होने के कारण वन में लकड़ियां काटकर अपने परिवार की जीविका चलाने को मजबूर हैं।
अब देखना यह होगा कि सीएम का ध्यान इन समस्याओं पर जाएगा या नहीं।

