Site icon Hindi Dynamite News

शहीदों के परिवारों के लिए योजना को लेकर सीएम गहलोत का नया बयान आया सामने, जानिये क्या कहा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहीद जवानों के परिवारों के लिए राज्य की एक योजना के तहत आरक्षित लाभों का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं और राजस्थान की छवि धूमिल कर रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
शहीदों के परिवारों के लिए योजना को लेकर सीएम गहलोत का नया बयान आया सामने, जानिये क्या कहा

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहीद जवानों के परिवारों के लिए राज्य की एक योजना के तहत आरक्षित लाभों का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं और राजस्थान की छवि धूमिल कर रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गहलोत ने एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजस्थान सरकार ने पुलवामा, बालाकोट या कारगिल में शहीद हुए जवानों की वीरांगनाओं को जिस तरह का पैकेज दिया है, वह देश में कहीं भी मौजूद नहीं है। मैं पैकेज लगभग 25 साल पहले तब लाया था, जब मैं मुख्यमंत्री था।’’

उन्होंने कहा कि पैकेज के तहत शहीदों के परिवारों को जमीन और आवास आवंटित किए जाते हैं, शहीदों के नाम पर स्कूल बनाए जाते हैं और उनके बच्चों के लिए नौकरियां आरक्षित की जाती हैं।

मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब पुलवामा में शहीद हुए तीन जवानों की वीरांगनाएं प्रदर्शन कर रही हैं। वे नियमों में बदलाव की मांग कर रही हैं ताकि न सिर्फ उनके बच्चों बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सके।

गहलोत ने कहा, ‘‘वे चार साल बाद नौकरी क्यों मांग रहे हैं? घटना 2019 में हुई थी, लेकिन तब कोई मांग नहीं की गई और अब अचानक चार साल बाद मुद्दा उठाया गया है। वे (भाजपा नेता) लोगों को गुमराह कर रहे हैं और राजस्थान की छवि धूमिल कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (भाजपा नेता) इसी तरह से काम करते रहे तो जनता उन्हें करारा जवाब देगी। हम शहीदों के परिवारों को अच्छा पैकेज दे रहे हैं। वे बच्चों के अलावा किसी और के लिए नौकरी कैसे मांग सकते हैं।’’

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि वह शनिवार को शहीदों की पत्नियों से मिले थे जिन्होंने कहा था कि वे चाहती हैं कि नौकरियां उनके बच्चों के लिए आरक्षित हों।

Exit mobile version