चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति

चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से ज्ञान सदाचार लगन, एकाग्रता और संयम रखने की शक्ति प्राप्त होती है, साथ ही सभी कष्टो से मुक्ति भी मिलती है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 March 2018, 9:18 AM IST

नई दिल्ली: मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में देवी ब्रह्राचारिणी दूसरा स्वरूप है। मां ब्रह्राचारिणी हमेशा कठोर तपस्या में लीन रहती है। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से ज्ञान सदाचार लगन, एकाग्रता और संयम रखने की शक्ति प्राप्त होती है, साथ ही सभी कष्टो से मुक्ति भी मिलती है। 

मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में अक्ष माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का मतलब होता है आचरण करने वाली। ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। 

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में मां को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाये। उन्हें दूध, दही, घृत, मधु व शर्करा से स्नान कराएं और इसके देवी को पिस्ते से बनी मिठाई का भोग लगाएं।  मां ब्रह्मचारिणी को अरूहूल का फूल व कमल काफी पसंद है उन्हें उनकी माला पहनायें।  मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करते समय पीले या सफेद वस्त्र ही पहनने चाहिए।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

Published : 
  • 19 March 2018, 9:18 AM IST

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