लखनऊ: सपा शासन काल में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निकाली गई भर्तियों पर योगी सरकार ने सत्ता में आते ही जनवरी 2017 में जांच कराने की बात कहकर रोक लगा दी। इसको लेकर उन अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया। जिनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। ऐसे ही उम्मीदवार जिन्होंने 2016 में यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा घोषित किए गए विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। उनके साथ भी ऐसा ही हुआ। इसको लेकर अभ्यर्थी लंबे समय से आयोग दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
बीच-बीच में कई बार अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन भी किया। जिस पर उन्हें आयोग के गठन किए जाने के बाद कार्यवाही का भरोसा दिया गया। अभ्यर्थियों में सबसे ज्यादा नाराजगी किस बात की है कि आयोग के गठन के 5 महीने बीत जाने के बाद भी सपा शासनकाल 2016 में निकाली गई भर्तियां के नतीजे अभी तक घोषित नहीं हो पाए। नतीजे घोषित करने की मांग को लेकर उम्मीदवारों ने पिकप भवन का घेराव किया और जमकर प्रदर्शन किया।
वहीं मामले में बात करते हुए आयोग चेयरमैन चंद्रभूषण पालीवाल ने बताया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया के नतीजे जुलाई लास्ट तक आ जाएंगे। ऐसे में किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है।मगर देखने वाली बात यह है कि जांच के नाम पर उम्मीदवारों के भविष्य के साथ कहीं ना कहीं खिलवाड़ हो रहा है।
