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Businesses : व्यवसायों को अलग-अलग करने की प्रक्रिया 9-12 महीने में होगी पूरी:वेदांता के एल्युमीनियम कारोबार के प्रमुख

वेदांता लिमिटेड एल्युमीनियम सहित अपने प्रमुख व्यवसायों को अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने के लिए ‘‘सक्रिय रूप से’’ काम कर रही है। यह प्रक्रिया अगले नौ से 12 महीने में पूरी होने की संभावना है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Businesses : व्यवसायों को अलग-अलग करने की प्रक्रिया 9-12 महीने में होगी पूरी:वेदांता के एल्युमीनियम कारोबार के प्रमुख

झारसुगुड़ा (ओडिशा):  वेदांता लिमिटेड एल्युमीनियम सहित अपने प्रमुख व्यवसायों को अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने के लिए ‘‘सक्रिय रूप से’’ काम कर रही है। यह प्रक्रिया अगले नौ से 12 महीने में पूरी होने की संभावना है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अरबपति अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली वेदांता लिमिटेड ने अपने धातु, बिजली, एल्यूमीनियम और तेल व गैस व्यवसायों को अलग-अगले करके स्वतंत्र कार्यक्षेत्र बनाने की पिछले साल घोषणा की थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक वेदांता के एल्युमीनियम कारोबार के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जॉन स्लेवेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ हम एल्युमीनियम व्यवसाय के सफल विभाजन को सुनिश्चित करने के लिए बहुत सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि व्यवसायों को अलग-अलग करने की प्रक्रिया अभी जारी है और विभिन्न प्राधिकरणों से कई अनुमोदनों के अधीन है।

स्लेवेन ने कहा, ‘‘ अलग की जाने वाली विभिन्न संस्थाओं में ऋण के आवंटन में वर्तमान ऋणदाताओं से भी अनुमति लेने की जरूरत है। यह प्रक्रिया जारी है। यह प्रत्यक्ष तौर पर हमारे हाथ में नहीं है। इसलिए दुर्भाग्य से मैं आपको स्पष्ट रूप से यह बताने की स्थिति में नहीं हूं कि यह कब होगा। हमें विश्वास है कि अगले नौ से 12 महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि यह वेदांता के एल्युमीनियम व्यवसाय के लिए एक विकासात्मक कदम साबित होगा क्योंकि इससे वेदांता एल्युमीनियम को अपना रास्ता तय करने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वेदांता की सिजिमाली बॉक्साइट खदान में उत्पादन अगले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में शुरू हो जाएगा। इसके अलावा कंपनी की कुरलोई, राधिकापुर, घोघरपल्ली स्थित अन्य तीन कोयला खदानों में करीब नौ से 18 महीने में उत्पादन शुरू होगा।

 

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