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बीआरएस का मतलब ‘बेरोजगार रुलाओ समिति’ : सुरजेवाला

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार पर राज्य में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि बीआरएस का मतलब ‘बेरोजगार रुलाओ समिति’ है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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बीआरएस का मतलब ‘बेरोजगार रुलाओ समिति’ : सुरजेवाला

हैदराबाद: कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार पर राज्य में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि बीआरएस का मतलब ‘बेरोजगार रुलाओ समिति’ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि बेरोजगारी तेलंगाना में सबसे बड़ा ‘अभिशाप’ है क्योंकि राज्य में 40 लाख से अधिक युवा बेरोजगार हैं, जबकि 1.9 लाख सरकारी नौकरियां खाली हैं।

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर तेलंगाना राज्य आंदोलन के दौरान हर परिवार को एक नौकरी देने के नाम पर युवाओं से झूठ बोलने का आरोप लगाया।

उनके मुताबिक, बीआरएस ने 3,000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा किया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘(बीआरएस शासन के) 10 वर्षों में केसीआर ने तेलंगाना में युवाओं के सपने छीन लिए हैं। 10 वर्षों में केसीआर और उनके परिवार ने तेलंगाना के युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को कुचल दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब सोनिया गांधी और कांग्रेस ने तेलंगाना राज्य का गठन किया तो हमने सुनिश्चित किया कि राज्य विकास, रोजगार और समावेशी और सामूहिक प्रगति का एक मॉडल होगा। लेकिन, बीआरएस के तहत क्या हुआ है। टूटे हुए सपने और आत्महत्याएं।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘बीआरएस का असली मतलब अब 'बेरोजगार रुलाओ समिति' है और केसीआर के लिए यह 'सीएमआर' है जिसका मतलब ‘कमीशन माफिया राज’ है।’’

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