नई दिल्ली: राज्य और केंद्र सरकार की लगातार आलोचना कर मीडिया में छाए रहने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के सामने भाजपा ने बड़ी ही जटिल परिस्थिति खड़ी कर दी है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी की ओर से कहा गया है कि यदि राजभर के खुद लोकसभा चुनाव लड़ने की परिस्थिति में ही एसबीएसपी के लिए घोसी सीट छोड़ी जा सकती है। इसके साथ ही निषाद पार्टी एनडीए में शामिल हो चुकी है। उसे भी एक लोकसभा सीट दी जाएगी जिसका फैसला भी आज होना है।
राजभर ने भाजपा को अब तक नहीं दिया जवाब
एसबीएसपी प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के सामने चुनौती यह होगी कि यदि वह खुद चुनाव लड़ने की बात स्वीकारते हैं तो उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा के विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजभर ने अबतक पार्टी प्रमुख को किसी भी निर्णय से अवगत नहीं कराया है।
निषाद पार्टी के खाते में कौन सी सीट जाएगी
दूसरी ओर निषाद पार्टी के मुखिया के सांसद पुत्र प्रवीण निषाद को पार्टी में शामिल कर चुकी भाजपा उन्हें कहां से उम्मीदवार बनाएगी इसका भी अभी तक कोई अधिकारिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है। निषाद पार्टी दो सीटों की मांग कर रही है। जबकि भाजपा उसे एक सीट से अधिक नहीं देना चाहती है।
8 सीटों पर अभी नहीं घोषित किए गए हैं उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अब तक 70 सीटों पर लोकसभा उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है। इसके बाद 10 सीटें बचती है। जिनमें से दो सीट मिर्जापुर और राबर्टगंज से भाजपा से गठबंधन कर चुके अपना दल ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
बाकी बची 8 सीटों में से अपने हिस्से की सीटों की घोषणा पार्टी आज देर रात तक हर हाल में कर देगी। अगर राजभर चुनाव लड़ने के लिए राजी हुए और निषाद पार्टी एक सीट पर मानी तो पार्टी छह सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
गौरतलब है कि अब तक भदोही, देवरिया, घोसी, गोरखपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, संत कबीरनगर, अंबेडकर नगर सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है।

