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Bihar: भागलपुर में गंगा नदी पर पुल ढहने की घटना को लेकर जानिये क्या बोले सीएम नीतीश कुमार

बिहार में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल गिरने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि घटना में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Bihar: भागलपुर में गंगा नदी पर पुल ढहने की घटना को लेकर जानिये क्या बोले सीएम नीतीश कुमार

पटना: बिहार में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल गिरने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि घटना में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि रविवार को गिरा निर्माणाधीन पुल पिछले साल भी गिरा था। नीतीश ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'पुल का निर्माण ठीक से नहीं किया जा रहा है और यही कारण है कि यह अप्रैल 2022 से अब तक दो बार गिर गया। यह एक गंभीर मामला है … संबंधित विभाग ने पहले ही इसकी गहन जांच शुरू कर दी है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'

उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि 2014 में शुरू हुआ पुल निर्माण कार्य अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नीतीश ने कहा, 'यह समय से पीछे क्यों चल रहा है? मैंने संबंधित विभाग से इसकी भी जांच करने को कहा है। उपमुख्यमंत्री भी घटनाक्रम की निगरानी कर रहे हैं।'

वर्ष 2014 से बन रहा 3.16 किलोमीटर लंबा यह पुल 14 महीने में दो बार टूटा, पहली बार अप्रैल 2022 में भागलपुर के सुल्तानगंज की तरफ और दूसरी बार रविवार की शाम खगड़िया की तरफ।

घटना के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जिनके पास पथ निर्माण विभाग का प्रभार भी है, ने रविवार को कहा था कि राज्य सरकार संरचनात्मक खामियों के कारण निर्माणाधीन पुल को ध्वस्त करने की योजना पर भी विचार कर रही है।

तेजस्वी ने कहा था, ‘‘पिछले साल 30 अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था। इसके बाद हमने एक अध्ययन करने के लिए आईआईटी-रुड़की से संपर्क किया। इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन संरचना का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां थीं।'

तेजस्वी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने वाली भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, 'पिछले साल जब इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था, तब राज्य में भाजपा सत्ता में थी। यह एक ऐसी घटना थी, जिसके बारे में व्यापक रूप से चर्चा हुई थी और मैंने विपक्ष के तत्कालीन नेता के रूप में अपनी क्षमता से इसे मजबूती से उठाया था। सत्ता में आने पर हमने एक जांच का आदेश दिया और विशेषज्ञ की राय मांगी है।’’

चार लेन वाले सुल्तानगंज-अगुआनी घाट पुल के तीन खंभों पर रखे गये कम से कम 30 ‘स्लैब’ रविवार को धंसकर नदी में गिर गये। जिला प्रशासन ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

बताया जाता है कि निर्माणाधीन पुल की अनुमानित लागत 1,700 करोड़ रुपये है। हरियाणा की एक कंपनी को पुल निर्माण का ठेका मिला है, जिसके खिलाफ अब भाजपा कार्रवाई की मांग कर रही है।

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