चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने शनिवार को कहा कि नूंह जिले में साइबर अपराध थाने पर हमले का उद्देश्य इस साल की शुरुआत में बड़े पैमाने पर सामने आए धोखाधड़ी से संबंधित सबूतों को नष्ट करना था।
इकत्तीस जुलाई को नूंह में भड़की हिंसा के दौरान साइबर अपराध पुलिस थाने को निशाना बनाया गया था।
भीड़ द्वारा विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा को रोकने की कोशिश के बाद भड़की सांप्रदायिक झड़प में दो होमगार्ड कर्मी और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हो गई थी और यह झड़प पिछले कुछ दिनों में गुरुग्राम तक फैल गई।
सरकार ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों में नूंह में हुई हिंसा की आड़ में छापेमारी के दौरान जुटाए गए सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई और साइबर पुलिस थाने पर हमला किया गया।
इसमें कहा गया कि भारी धोखाधड़ी और अन्य अपराधों से संबंधित दस्तावेज पुलिस थाने में रखे हुए थे।
हरियाणा पुलिस ने अप्रैल में अपनी तरह की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी में करीब 100 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी का खुलासा किया था। कार्रवाई के तहत नूंह के 14 गांवों में फैले साइबर अपराधियों के 320 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और 65 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा 66 मोबाइल फोन और कई फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए थे।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बृहस्पतिवार को कहा था कि हरियाणा सरकार ने साइबर अपराध पुलिस थाने पर हमले को बहुत गंभीरता से लिया है।