आजमगढ़: निकाय चुनाव में टिकटों के बढ़ते दावेदारों से पार्टियां भी परेशान
नगर निकाय चुनावों में संभावित प्रत्याशियों का चयन सभी पार्टियों के लिये सबसे बड़ा सरदर्द बनता जा रहा है। प्रत्येक पार्टी से आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार टिकटों के लिये अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं। टिकट के लिये धनबल और बाहुबल का भी जमकर उपयोग किया जा रहा है। पार्टी से टिकट न मिलने की स्थिति में कई लोग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरेंगे..
आजमगढ़: नगर निकाय चुनावों में संभावित प्रत्याशियों का चयन सभी पार्टियों के लिये सबसे बड़ा सरदर्द बनता जा रहा है। प्रत्येक पार्टी से आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार टिकटों के लिये अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं। टिकट के लिये धनबल और बाहुबल का भी जमकर उपयोग किया जा रहा है। पार्टी से टिकट न मिलने की स्थिति में कई लोग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरेंगे, जिससे यहां चुनावी समीकरण बिगड़ने के अलावा पार्टियों को भितराघात की बड़ी समस्या से जूझना पड़ सकता है।
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निकाय चुनावों के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है। आजमगढ़ में प्रथम चरण में 22 नवंबर को मतदान होना है। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। लेकिन सभी दलों से टिकट चाहने वाले प्रत्याशियों की जमात बढ़ती जा रही है। कई प्रमुख प्रत्याशियों ने तो टिकट न मिलने की स्थिति में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का मन बना लिये है। जिससे सभी पार्टियों के सामने भी टिकट को लेकर बड़ा संकट खड़ा होता दिख रहा है।
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नगर पालिका आजमगढ़ की सीट जबसे सामान्य घोषित हुई है, तबसे संभावित प्रत्याशियों की संख्या बढ़ती जा रही है। बहुत से लोग पैसे के बल पर टिकट की मांग कर रहे हैं। जबकि सभी प्रमुख पार्टियों से 3-3 नाम भेजे गए हैं। अब देखने की बात यह होगी कि हाईकमान किसके नाम पर अंतिम मुहर लगाता हैं। इतना तो तय है कि इस बार काफी संख्या में बागी प्रत्याशी होंगे, जिससे कई के चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं।