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दिल्ली के सरकारी विभागों और एनसीसीएसए के बीच समन्वय को लेकर आतिशी का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

दिल्ली की मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न विभागों और राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के बीच समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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दिल्ली के सरकारी विभागों और एनसीसीएसए के बीच समन्वय को लेकर आतिशी का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

नयी दिल्ली: दिल्ली की मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न विभागों और राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के बीच समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दिल्ली के सेवा मामलों पर एक अध्यादेश की जगह लेने के लिए संसद में लंबित विधेयक का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 28 जुलाई को होने वाली राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठक को स्थगित कर दिया था। उस समय, प्राधिकरण के सचिव ने कहा था कि इसका शहर के प्रशासन पर असर पड़ेगा।

दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अधिनियम 2023 के लागू होने के बाद आतिशी ने निर्देश जारी कर कहा है कि बैठक फिर से शुरू होनी चाहिए।

उन्होंने दिल्ली विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘कई बाधाएं थीं जिसके कारण एनसीसीएसए की बैठकें प्रभावित हुईं। दिल्ली सरकार ने विभिन्न विभागों और एनसीसीएसए के बीच समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया है। जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम का सम्मान करते हुए हम चाहते हैं कि प्राधिकरण की बैठकें हों और दिल्ली के लोगों का काम प्रभावित न हो।’’

आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री भी एनसीसीएसए की बैठक में शामिल होंगे क्योंकि यह उनकी सरकार का वादा है कि काम नहीं रुकना चाहिए। मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने एनसीसीएसए के साथ विभिन्न विभागों और मंत्रियों के बीच समन्वय के लिए एक आदेश जारी किया है।’’

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्री ने निर्देश जारी कर कहा है कि जब तक उच्चतम न्यायालय सेवा मामले पर फैसला नहीं सुना देता, तब तक बैठक जारी रहनी चाहिए।

एनसीसीएसए की स्थापना मई में एक अध्यादेश के जरिये की गई थी। अध्यादेश की जगह लेने के लिए विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पेश किया गया था और इसे पारित कर दिया गया था।

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